तमाम एहतियातों और कोशिशों के बावजूद दुनियाभर में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है। संक्रमितों की संख्या थमने का नाम नहीं ले रही। मगर हैरान करने वाली बात यह है कि विश्व के 193 से ज्यादा देशों में पैर पसार लेने वाला कोरोनावायरस द. अफ़्रीका को छोड़ अपेक्षाकृत गरीब और कम संपन्न माने जाने वाले अन्य अफ्रीकी देशों में उस तरह तांडव नहीं मचा पाया।
दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के 709 कंफर्म केस सामने आ चुके हैं। पिछले एक दिन में 2 सौ के आसपास मरीजों की तादाद बढ़ी है। मंगलवार को 554 मरीज थे लेकिन बुधवार को यह संख्या अचानक तेजी से बढ़ी और यह आंकड़ा 709 तक पहुंच गया। मरीजों की तादाद में यह बढ़ोतरी 28 फीसदी के आसपास बताई जा रही है। अफ्रीकी महादेश में दक्षिण अफ्रीका ही ऐसा देश है जहां संक्रमित मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए यहां की सरकार ने गुरुवार मध्य रात्रि से 21 दिन के संपूर्ण बंद का ऐलान किया है। इस दौरान लोगों के घरों से निकलने पर पूरी तरह से पाबंदी होगी।
दिसंबर 2019 में चीन से शुरू हुई यह अनजान बीमारी एशिया, मध्य एशिया, यूरोप और यूएस में पूरी तरह फैलने के बाद महामारी बन चुकी है, लेकिन अफ्रीकी महाद्वीप में पहला कोरोना पॉजिटिव केस 14 फरवरी 2020 को मिस्त्र (इजिप्ट) में सामने आया। वहीं, कोविड-19 सब सहारा अफ्रीका तक नौ मार्च तक पहुंचा। यह पहला मामला बुर्किना फासो में सामने आया। इसके बाद से ही मामलों में तेजी आई। 19 मार्च तक अफ्रीका के 54 में से 36 देशों में COVID-19 के 733 मामले ही सामने आए थे, जिसमें 16 लोगों की जान गई। मगर WHO की ताजा रिपोर्ट के अनुसार अब 43 देशों के 1400 लोग इसकी जद में आ चुके हैं, जबकि मृतकों की संख्या भी बढ़कर 40+ हो चुकी है। बावजूद इसके यह आंकड़े अन्य महाद्वीपों की तुलना में थोड़ी राहत देते हैं। ऐसे में यह समझना जरूरी हो जाता है कि अफ्रीका ने कोरोना वायरस को बेअसर कैसे किया?