
सेंटर फ़ॉर इकोनॉमिक्स एंड बिज़नेस रिसर्च की हाल की रिपोर्ट के अनुसार भारत जर्मनी को पीछे छोड़ 2026 में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है.
इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की जीडीपी 2026 तक पाँच ट्रिलियन तक पहुँच सकती है. हालांकि मोदी सरकार ने ऐसा 2024 तक करने का लक्ष्य रखा था.
‘वर्ल्ड इकोनॉमिक लीग टेबल 2020’ शीर्षक से छपी इस रिपोर्ट में कहा गया है, ”भारत ने 2019 में निर्णायक रूप से दुनिया की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए फ़्रांस और ब्रिटेन का पीछा किया. उम्मीद है कि 2026 में भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन जाए और जापान 2034 में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. अगले 15 सालों में जापान, जर्मनी और भारत में तीसरे पायदान के लिए होड़ रहेगी.”
हालांकि भारत की अर्थव्यवस्था अभी जिस स्थिति में है वो आगे भी रही तो इस लक्ष्य तक पहुंचना इतना आसान नहीं होगा. हाल ही में रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने कहा था कि वर्तमान वृद्धि दर से पाँच ट्रिलियन का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल है.
इसी साल अगस्त महीने में विश्व बैंक की 2018 की रैंकिंग में भारत की अर्थव्यवस्था छठे नंबर से फिसलकर सातवें नंबर पर आ गई थी.
2017 की रैंकिंग में भारत की अर्थव्यवस्था का आकार 2.65 ट्रिलियन डॉलर था जो 2018 में बढ़कर 2.73 ट्रिलियन डॉलर तो हुआ लेकिन उसकी रैंकिंग गिर गई.
ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि 2018 में फ़्रांस और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था भारत की तुलना में ज़्यादा मज़बूत रही थी. कहा जा रहा था कि भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़कर पाँचवें नंबर पर आ जाएगा लेकिन ब्रिटेन और फ़्रांस ने भारत को सातवें नबंर पर धकेल दिया.
2018 में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 2.64 ट्रिलियन डॉलर से 2.84 ट्रिलियन डॉलर की हो गई और फ़्रांस की 2.59 ट्रिलियन डॉलर से 2.78 ट्रिलियन डॉलर की. 20.49 ट्रिलियन डॉलर के साथ अमरीकी अर्थव्यवस्था पहले नंबर है और 13.61 ट्रिलियन डॉलर के साथ चीन की अर्थव्यवस्था दूसरे नंबर पर है.
4.97 ट्रिलियन डॉलर के साथ जापान तीसरे नंबर पर और जर्मनी 3.99 ट्रिलियन डॉलर के साथ चौथे नंबर पर है.