नगालैंड में ‘बाहरी’ लोगों के लिए हिरासत शिविर नहीं : केंद्र


नगालैंड में एनआरसी में अपनी नागरिकता को साबित करने में असमर्थ रहने वाले लोगों के लिए कोई हिरासत शिविर नहीं बनाया गया है। संसद में बुधवार को यह जानकारी दी गई। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने नगालैंड में हिरासत शिविरों के प्रश्न पर राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह भी कहा कि असम सरकार ने एनआरसी के तहत बांग्लादेश से लगे जिलों के निश्चित आबादी के पुन: सत्यापन की मांग की थी, लेकिन शीर्ष अदालत इस पर सहमति नहीं दी।

उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो प्रक्रिया व दावों और फैसलों के परिणाम से संतुष्ट नहीं है, इस आदेश की तारीख से 120 दिनों की अवधि के भीतर विदेशी ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील करने के लिए स्वतंत्र है।

ट्रिब्यूनल द्वारा अपील के निस्तारण के बाद नाम को शामिल किया जा सकता है या हटाया जा सकता है।

कैबिनेट ने बुधवार को एनआरसी विधेयक को संसद में पेश करने को मंजूरी दे दी।

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