आईएसआईएस की हिट लिस्ट में थे कमलेश तिवारी


हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के बाद मौके से सूरत के मिठाई की दुकान ‘धरती’ का डिब्बा मिलने के बाद खुफिया एजेंसियां जांच में जुट गई हैं। यूपी पुलिस और खुफिया एजेंसियों को शक है कि हत्या का गुजरात और आतंकी कनेक्शन भी हो सकता है। इसके अलावा 13 अक्टूबर, 2019 को कमलेश तिवारी ने गुजरात एटीएस द्वारा पकड़े गए दो आईएसआईएस संदिग्धों से जुड़ी खबर को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया था। इसमें संदिग्धों से हुई पूछताछ का हवाला देते हुए उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया था और यह भी कहा था कि केंद्र और राज्य सरकार उन्हें इतनी बड़ी साजिश का खुलासा होने के बाद भी सुरक्षा नहीं दे रही हैं।

कमलेश तिवारी आतंकी संगठन आईएसआईएस की हिट लिस्ट में थे। यह खुलासा गुजरात एटीएस द्वारा 25 अक्टूबर 2017 को सूरत से गिरफ्तार किए गए संदिग्ध उबेद अहमद मिर्जा और मोहम्मद कासिम स्टिंबरवाला से पूछताछ में हुआ था। 20 अप्रैल 2018 को गुजरात एटीएस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट के मुताबिक उबेद ने अपने दो साथियों को कमलेश तिवारी के विवादित बयान वाला विडियो दिखाते हुए कहा था कि हम लोगों को इसकी हत्या करनी है। इस संबंध में गुजरात एटीएस ने यूपी एटीएस से भी सूचनाएं साझा की थीं जिसके बाद कमलेश तिवारी को सुरक्षा दी गई। हालांकि खुद को मिली धमकियों के चलते कमलेश तिवारी सरकार से अतिरिक्त सुरक्षा चाहते थे लेकिन उनके घरवालों का आरोप है कि उनके बार-बार बताने के बाद भी उन्हें पर्याप्त सुरक्षा नहीं मुहैया कराई गई।

घटनास्थल से मिले सूरत की मिठाई के दुकान के डिब्बे ने कमलेश की हत्या के पीछे आतंकी कनेक्शन की ओर और मजबूती से इशारा किया है क्योंकि दोनों संदिग्धों की गिरफ्तारी भी सूरत से हुई थी। दोनों संदिग्ध अहमदाबाद के खादिया इलाके में स्थित यहूदी उपासनागृह में हमले की साजिश रच रहे थे। जिस उबैद द्वारा दो साथियों को कमलेश तिवारी के विवादित बयान वाला विडियो दिखाया गया था, वह भी सूरत की जिला अदालत में वकील था और एक होटल भी संचालित करता था। जानकारी के मुताबिक गुजरात एटीएस ने इंटेलिजेंस ब्यूरो से अपनी सूचनाएं और जानकारी साझा की हैं। साथ ही वह विडियो भी साझा किया है जिसे दिखाकर कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश रचने की बात सामने आई थी।

वहीं डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि अभी तक आतंकी कनेक्शन जैसी बात सामने नहीं आई है लेकिन पूर्व में हुए घटनाक्रम के संबंध में गुजरात एटीएस से संपर्क किया गया है। हालांकि मामले की जांच में एटीएस को लगाए जाने की बात से इनकार किया है। फिलहाल यूपी एसटीएफ पड़ताल में लग गई है।

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