भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान शुक्रवार को 6.9 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की चौथी नीति समीक्षा में विकास दर के कम रहने का अनुमान लगाया है। लगातार कमजोर हो रहे वैश्विक बाजार के कारण इस अनुमान में गिरावट बताई गई है।
केंद्रीय बैंक ने हालांकि आगामी वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 7.2 फीसदी रखा है।
एमपीसी ने अपने बयान में कहा, “2019-20 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान अगस्त की नीतिगत समीक्षा में 6.9 फीसदी से घटकर 6.1 फीसदी रह गई है। यह 2019-20 की दूसरी तिमाही में 5.3 फीसदी और 2019-20 की दूसरी छमाही के लिए 6.6 से 7.2 फीसदी के बीच रहेगी। इसके अलावा 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.2 फीसदी संशोधित की गई है।”
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने वाणिज्यिक बैंकों के लिए रेपो (अल्पावधि ऋण) दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर उसे 5.40 फीसदी से घटाकर 5.15 फीसदी कर दिया।
बयान में कहा गया है कि हाल ही में सरकार द्वारा घोषित किए गए उपायों से निजी खपत को मजबूत करने और निजी निवेश गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद मिलने की संभावना है।
मुद्रास्फीति 2019-20 की शेष अवधि के साथ ही 2020-21 की पहली तिमाही के दौरान लक्ष्य से नीचे रहने की संभावना है।
गौरतलब है कि देश-दुनिया में लगातार कमजोर पड़ती आर्थिक वृद्धि की चिंता करते हुए रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती पर जोर दे रहा है, ताकि ग्राहकों को बैंकों से सस्ता कर्ज मिले और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आए।