अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं.अनिल की कंपनियों की संपत्ति में तेज गिरावट और डाउनग्रेडिंग से शेयर होल्डर खफा हैं. शेयरधारकों ने उनकी कंपनियों के खिलाफ शिकायत करने की चेतावनी दी है. एक शेयरहोल्डर ने तो उनके खिलाफ क्लास एक्शन सूट की चेतावनी दे डाली, जिसका कई शेयरहोल्डरों ने समर्थन किया. शेयरहोल्डर ने यहां तक कह दिया कि अगर अगले दो से तीन महीनों में उसकी समस्याओं का हल नहीं निकलता तो वह ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ देश का पहला क्लास एक्शन सूट दायर करेगा.
क्या है क्लास एक्शन सूट
क्लास एक्शन सूट के तहत किसी कंपनी या ग्रुप के खिलाफ लोगों का एक समूह याचिका दायर करता है. लोगों का समूह ऐसा होना चाहिए जिसे कंपनी के एक्शन से घाटा हुआ हो. जब शेयरहोल्डर ने यह चेतावनी दी तो रिलायंस पावर की सालाना आम बैठक में आए कई अन्य शेयरहोल्डर्स ने भी इस बात का समर्थन किया.
क्लास एक्शन सूट की चेतावनी देने वाला यह शेयरहोल्डर एक कॉरपोरेट वकील है. इस शेयरहोल्डर ने कहा कि रिलायंस समूह की सात कंपनियों में से तीन में अपने शेयरों की कीमत का 90 फीसदी गवां चुका है. उसने बताया कि उसने तीन करोड़ रुपये का निवेश किया था.
जब यह शेयरहोल्डर रिलायंस पावर के एजीएम में यह चेतावनी दे रहा था तो कंपनी के कुछ अधिकारियों ने नियमों का हवाला देकर उसे रोकने की कोशिश की. लेकिन अनिल अंबानी ने शेयरहोल्डर को अपनी बात पूरी करने के लिए कहा.
11,563 करोड़ रुपये की कंपनी की कीमत अब महज 617 करोड़ रुपये
पिछले कुछ वक्त से अनिल अंबानी की कंपनियों की संपत्ति बड़ी तेजी से घट रही है. सोमवार को अनिल अंबानी समूह की सात कंपनियों की संपत्ति घट कर सिर्फ 18,525.62 करोड़ रुपये रह गई थी. इनमें से अकेले रिलायंस निप्पॉन एएमसी 16 हजार करोड़ रुपये थी. फरवरी, 2008 में जब रिलायंस पावर अपना आईपीओ लेकर आई थी तो यह 72 गुना ओवर सब्सक्राइव हुई थी. उस वक्त अकेले इस कंपनी ने 11,563 करोड़ रुपये जुटाए थे. आज यह कंपनी समूह के लिए मुसीबत बन गई है. इसकी मार्केट वैल्यू सिर्फ 617.12 करोड़ रुपये रह गई. अब इसकी शेयर 2.20 रुपये रह गई है.