पवन मल्होत्रा ने ‘ब्लैक फ्राइडे’ जैसी फिल्मों में यादगार रोल निभाए हैं. वे अब ’72 हूरें’ के चलते सुर्खियों में है, जिसमें वे आतंकवादी हाकिम अली बने हैं. इसे एक वर्ग प्रोपेगैंडा फिल्म बता रहा है. ट्रेलर रिलीज होने से पहले ही, फिल्म विवादों में थी. सेंसर बोर्ड ने फिल्म को सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया था. अब मेकर्स के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज हुई है. उन पर धर्म का अपमान और सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा है. अब पवन मल्होत्रा फिल्म के बचाव में उतर आए हैं.
पवन मल्होत्रा ने इंडिया टुडे से हुई बातचीत में कहा कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द केरल स्टोरी’ पर हुए विवाद के चलते लोगों ने ’72 हूरें’ को उसी कैटेगरी में डाल दिया है. एक्टर ने कहा कि अगर ऐसी फिल्में बनती हैं, तो किसी को इससे आपत्ति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ की रिलीज से पहले ही ’72 हूरें’ बन गई थी. फिल्म के डायरेक्टर संजय पूरन सिंह चौहान को साल 2019 में इसके लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था.
72 हूरें की स्क्रीनिंग जेएनयू में भी हुई थी. मेकर्स को जरूरी लगा कि कश्मीरी मुस्लिमों और दूसरे छात्रों को फिल्म पर अपनी राय जाहिर करने का मौका मिले जो आतंकवादी कैंप की कड़वी सच्चाई को लोगों के बीच लाकर रखती है. पवन मल्होत्रा को समझ नहीं आया कि आखिर ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर इतना विवाद क्यों हुआ. उन्हें इसमें कुछ विवादित नहीं लगा. फिल्म ’72 हूरें’ में पवन मल्होत्रा के अलावा आमिर बशीर आतंकवादी के किरदारों में हैं. इन दोनों किरदारों के इर्द-गिर्द फिल्म की पूरी कहानी लिखी गई है. ज्यादातर लोग फिल्म के सपोर्ट में हैं और इसे सही बता रहे हैं.