भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 7,50,000 से अधिक मामलों की सुनवाई की है और 1,50,000 से अधिक मामले ऑनलाइन दायर किए गए हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि टेक्नोलॉजी ने न्यायपालिका सहित कानून और प्रवर्तन एजेंसियों के बीच संबंधों के तालमेल पर काम शुरू कर दिया है. ‘डिजिटल परिवर्तन और न्यायिक दक्षता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग’ पर रियो डी जनेरियो में जे20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीजेआई ने भारत की उपलब्धियों का जिक्र किया और कहा, “वर्चुअल सुनवाई ने सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच को लोकतांत्रिक बना दिया है.”
जे20 सुप्रीम कोर्ट के प्रमुखों या जी20 सदस्य देशों की संवैधानिक अदालतों का एक शिखर सम्मेलन है और इस वर्ष यह समिट जी20 की ब्राजील की अध्यक्षता में ब्राजीलियाई संघीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित किया जा रहा है. सीजेआई ने कहा कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट का केस मैनेजमेंट सिस्टम फ्री और ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर (FOSS) पर विकसित किया गया है, और यह “दुनिया में सबसे बड़ा केस मैनेजमेंट सिस्टम” है.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि महामारी के बाद भी, हाइब्रिड सुनवाई भारतीय अदालतों की एक विशेषता बनी हुई है, और आभासी सुनवाई (Virtual Hearings) ने उन लोगों के लिए जगह खोल दी है, जिन्हें अदालतों के सामने शारीरिक रूप से पेश होने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
उन्होंने कहा, “वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 7,50,000 से अधिक मामलों की सुनवाई की गई है. सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण संवैधानिक मामलों की कार्यवाही को इसके यूट्यूब चैनल पर लाइव-स्ट्रीम किया जाता है – जो संवैधानिक विचार-विमर्श को सभी नागरिकों के घरों और दिलों तक पहुंचाता है. सुप्रीम कोर्ट आज डिजीटल और ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन-इनेबल्ड पेपर-बुक्स के साथ लगभग पूरी तरह से कागज रहित है.”