लोकसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करते समय, भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने कुल निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या 543 के बजाय 544 दिखाई. आयोग ने जब सभी चरण के चुनावी तारीखों का नक्शा शेयर किया, तो मौजूद पत्रकारों ने इसको प्वाइंट आउट किया, तो इसपर मुख्य चुनाव आयुक्त ( सीईसी) राजीव कुमार ने बताया कि जातीय हिंसा के बीच विशेष स्थिति के कारण मणिपुर के एक संसदीय क्षेत्र को दो बार चुनाव में जाने का गौरव प्राप्त होगा.
सीईसी कुमार ने कहा, ‘ऐसा इसलिए है क्योंकि मणिपुर में एक निर्वाचन क्षेत्र में दो बार चुनाव होंगे.’ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, चुनाव आयोग ने घोषणा की कि 543 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए बहुप्रतीक्षित लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे, जो 19 अप्रैल से शुरू होंगे और 1 जून को समाप्त होंगे. वोटों की गिनती 4 जून को होगी. पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को, दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को, तीसरे चरण का 7 मई को, चौथे चरण का 13 मई को, 5वें चरण का 20 मई को, छठे चरण का 25 मई को और आखिरी और 7वें चरण का मतदान 1 जून को होगा.
उत्तर-पूर्वी राज्य में कुकी और मेइतेई समुदायों के बीच हाल ही में हुई जातीय हिंसा को देखते हुए, मणिपुर के दो निर्वाचन क्षेत्रों में से एक, बाहरी मणिपुर में दो दिनों में वोट डाला जाएगा, वहीं आंतरिक मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र में 19 अप्रैल (चरण 1) को मतदान होगा, बाहरी मणिपुर में दो तारीखों को मतदान होगा, 19 अप्रैल (चरण 1) और 26 अप्रैल (चरण 2). इसके अतिरिक्त, चुनाव निकाय ने हिंसा प्रभावित राज्य में शिविरों में रहने वाले लोगों के लिए आगामी चुनावों में अपने शिविरों से मतदान करने की अनुमति देने की व्यवस्था की है.