10 सरकारी बैकों को मिलाकर 4 बैंक बनाया जाएगा


केंद्र सरकार ने सुधारों को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को 10 सरकारी बैंकों (पीएसबी) को मिलाकर चार बैंक बनाने की घोषणा की है।

इसमें ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को पंजाब नेशनल बैंक में मिला दिया जाएगा, जो कि दूसरी सबसे बड़ी सरकारी बैंक होगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, केनरा बैंक और सिंडीकेट बैंक का विलय किया जाएगा, जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को मिलाकर एक बैंक बनाया जाएगा।

इसी प्रकार से, इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक को मिलाकर एक बैंक का गठन किया जाएगा।

वित्तमंत्री ने आगे कहा कि बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बरकरार रहेंगे।

इस विलय प्रक्रिया के बाद देश में केवल 12 सरकारी बैंक बचेंगे, जबकि अब तक इनकी संख्या 27 थी।

उन्होंने कहा, “इस विलय से पूंजी के बेहतर प्रबंधन में मदद मिलेगी।” उन्होंने यह घोषणा अर्थव्यवस्था की हालत सुधारने के उपायों के तहत की।

जिन बैंकों का विलय किया जाएगा, उनमें मजबूत बैंलेंस शीट वाले बैंकों में कमजोर बैलेंस शीट वाले बैंकों का विलय किया जाएगा।

इस विलय से बने सरकारी बैंक सभी सरकारी बैंकों के व्यवसाय का 82 फीसदी और सभी वाणिज्यिक बैंकों के व्यवसाय के 56 फीसदी को नियंत्रित करेंगी।

इस विलय के बाद पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा, जिसका कुल कारोबार 18 लाख करोड़ रुपये का होगा। देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक है।

सीतारमण ने कहा कि पीएनबी में दो बैंकों के विलय के बाद उसका कारोबार 1.5 गुणा बढ़ जाएगा।

यह विलय ऐसे समय में हो रहा है, जबकि नीरव मोदी ने पीएनबी को 2 अरब डॉलर का चूना लगाया है और बैंक इस झटके से उबरने की कोशिश कर रही है। बैंक का एनपीए रेशियो (फंसे हुए कर्जे) जून 2019 में 16.5 फीसदी था। वहीं, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात 9.77 फीसदी था।

वहीं, केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक को मिलाकर बनाया गया बैंक देश का चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा, जिसका कुल कारोबार 15.20 लाख करोड़ रुपये होगा।

यूनियन बैंक में आंध्रा बैंक और कॉपोरेशन बैंक का विलय किया जाएगा और यह पांचवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा, जिसका कारोबार 15.2 लाख करोड़ रुपये होगा।

इंडियन बैंक को इलाहाबाद बैंक के साथ मिलाया जाएगा, जो सातवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा, जिसका कारोबार 8.08 लाख करोड़ रुपये का होगा।

वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा कि बैंकों के विलय की तारीख सभी बैंकों और भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से तय की जाएगी।

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