हेमंत सोरेन की जमानत की कप‍िल स‍िब्‍बल दे रहे थे दलीलें… ED के वकील राजू ने टोका, जज बोले- आपको भी मौका म‍िलेगा

झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने मंगलवार को सुनवाई की. हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत की मांग ईडी और कप‍िल स‍िब्‍बल की तरफ से दलीलें रखीं गई. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोरेन की ओर से सिब्बल ने जवाब देने के लिए कल यानी बुधवार तक का समय मांगा था. सोरेन की अंतर‍िम जमानत पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की क‍ि ईडी के पास मेरिट पर अच्छा केस है.

सुप्रीम कोर्ट में कप‍िल सिब्‍बल ने दलील देते हुए कहा क‍ि द‍िल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरव‍िंद केजरीवाल की तरह हेमंत सोरेन ने भी चुनाव प्रचार के लिए कोर्ट से अंतरिम जमानत की मांग की है. वहीं सोरेन की अंतरिम जमानत की मांग का विरोध करते हुए ईडी ने हलफनामा दाखिल कर कहा है कि चुनाव के लिए प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है, न ही संवैधानिक अधिकार और न ही कानूनी अधिकार है.

सोरेन की तरफ से सिब्बल ने दलीलें दी क‍ि सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कुछ 8.86 एकड़ जमीन का मामला है. यह आदिवासी जमीन है और इस जमीन का ट्रांसफर नहीं हो सकता है. उन्‍होंने आगे दलील दी क‍ि वहां कुल 12 प्लॉट हैं. गैर-आदिवासियों का नाम रजिस्‍ट्रर में 1976 से 1986 तक दर्ज था, जबकि उस समय सोरेन की उम्र 4 साल थी. उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है.

सिब्बल का आरोप है कि 2009/10 में इस जमीन पर मैंने जबरन कब्जा किया. 20 अप्रैल 23 को ED ने कार्रवाई शुरू की, जबकि इस पूरी अवधि के दौरान कभी कुछ नहीं किया. यह जमीन मेरे पास है भी नहीं. यह किसी और के नाम पर लीज पर है. ED की तरफ से एएसजी राजू बीच में टोक रहे थे तो सिब्बल ने आपत्ति जताई. कोर्ट ने भी बोला कि आपको बोलने का मौका मिलेगा. सिब्बल ने आरोप लगाया क‍ि 2009/10 में इस जमीन पर मैंने जबरन कब्जा किया. 20 अप्रैल 2023 को ईडी ने कार्रवाई शुरू की, जबकि इस पूरी अवधि के दौरान कभी कुछ नहीं किया. जबकि ये जमीन मेरे पास है भी नहीं है यह किसी और के नाम पर लीज पर है.

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