26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद (Hafiz Saeed) को पाकिस्तान (Pakistan) की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने टेरर फंडिंग के मामले में दोषी करार दिया है। अदालत ने जमात-उद-दावा के सरगना (Jamat-ud-Dawa Chief) हाफिज सईद को 11 साल जेल की सजा सुनाई है।
सईद पर लाहौर और गुजरांवाला में दर्ज दो टेरर फंडिंग मामलों में सजा सुनाई गई है। अदालत ने सईद को दोनों मामलों में साढ़े पांच- साढ़े पांच साल की सजा सुनाई है जो साथ-साथ चलेंगी। इसके अलावा प्रत्येक मामले में 15,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
माना जा रहा है कि हाफिज सईद पर यह कार्रवाई एफएटीएफ के दबाव के कारण की गई है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे सूची में डाल है और उसपर काली सूची में जाने का खतरा मंडरा रहा था। आतंकवाद विरोधी अदालत ने 11 दिसंबर को टेरर फंडिंग मामलों में सईद और उसके करीबी सहयोगियों को दोषी ठहराया था।
आतंकी सईद पर अमेरिका ने 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा है। 17 जुलाई को आतंकी फंडिंग के मामलों में हाफिज को गिरफ्तार किया गया था। उसे लाहौर की कोट लखपत जेल में रखा गया है। इससे पहले दिसंबर में हाफिज और उसके तीन करीबियों हाफिज अब्दुल सलाम बिन मुहम्मद, मुहम्मद अशरफ और जफर इकबाल के खिलाफ आरोप तय किया गया था।
बता दें कि जमात-उद-दावा वह संगठन है जो आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए धन का इंतजाम करता था। इसकी भूमिका को लेकर पाकिस्तान एफएटीएफ और अमेरिका के निशाने पर रहा है। लश्कर ने ही 2008 के मुंबई हमले को अंजाम दिया था जिसमें छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गए थे।
पिछले दिनों अमेरिका ने पाकिस्तान से मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के मामले की अदालत में तथ्यपरक और त्वरित गति से सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा था। अंतरराष्ट्रीय समुदाय मुंबई हमला मामले में न्याय होते देखना चाहता है।