इजरायल के खिलाफ पिछले महीने 7 अक्टूबर को किए हमले के बाद से ही फिलिस्तीन चरमपंथी संगठन हमास के खिलाफ दुनियाभर में कार्रवाई की मांग उठ रही है. हालांकि भारतीय खुफिया एजेंसी से जुड़े शीर्ष सूत्रों ने साफ किया कि भारत में हमास पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है. शीर्ष भारतीय खुफिया सूत्रों ने CNN-न्यूज18 से बातचीत में कहा कि युवाओं को कट्टरपंथ की ओर जाने और साथ ही हमास के हमले को ‘जिहाद की जीत’ के रूप में मनाना सुरक्षा बलों के लिए चिंता का संकेत है.
CNN-News18 को एक खुफिया नोट मिला है, जिसमें कहा गया है कि हमास के हमले को जिहाद की जीत के रूप में देखा जा रहा है. सूत्रों ने बताया, ‘बदला, जश्न और जिहाद में योगदान… ये सभी सुरक्षा बलों के लिए चिंता के संकेत हैं. अधिकांश भारतीय मुसलमान इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे और निर्दोष नागरिकों पर हमास के हमले के बीच अंतर करने में असमर्थ हैं. फिलिस्तीन पर इसके प्रभाव को समझे बिना वे इसे मुस्लिम एकजुटता की जीत के रूप में देखते हैं.’
‘हालात पर सावधानीपूर्वक नजर रखा रहा भारत’
सूत्रों ने कहा कि भारत ‘हालात पर सावधानीपूर्वक नजर रख रहा है’ और ‘मुस्लिम समूह अभी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन संकेत बहुत सकारात्मक नहीं हैं’. उन्होंने कहा, ‘पहली बार, फ़िलिस्तीनी समूहों ने इजरायल के अंदर गहराई से काम किया है और यह युवाओं तथा आतंकवादी समूहों के मन में गंभीर छाप और असर छोड़ने जा रहा है. एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चिंता यह है कि इजरायल में हमला बाहर से हुआ था, लेकिन अगर भारत में इस तरह का हमला दोहराया गया तो यह अंदर से होगा, क्योंकि हमारे यहां पहले से ही बड़ी संख्या में कट्टरपंथी कश्मीरी आतंकवादी पाकिस्तानी हथियारों के साथ बैठे हैं.’
हाल ही में, फिलिस्तीन की भलाई के लिए विभिन्न मस्जिदों में प्रार्थनाएं भी आयोजित की गईं, लेकिन ‘कई अनुरोधों के बावजूद, किसी ने भी यह घोषणा नहीं की कि हमास का हमला मानवता के खिलाफ था’. सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार की फिलहाल हमास पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है, क्योंकि आतंकवादी संगठन संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में नहीं है, जिसका भारत आमतौर पर पालन करता है.
उन्होंने कहा, ‘दूसरा, भारत में हमास पर प्रतिबंध लगाने के लिए, इसे यूएपीए के तहत प्रतिबंधित करने की आवश्यकता है, जिसकी फंडिंग, भर्ती और संचालन जैसी अपनी आवश्यकताएं हैं, जो भारतीय क्षेत्र के भीतर होनी चाहिए और हमास ने भारत में ऐसी कोई गतिविधि नहीं की है.’