इजरायल गाजा में जारी लड़ाई के बीच अब दुनिया के विभिन्न देशों में छुपे बैठे हमास के नेताओं को चुन-चुनकर मारने की योजना बना रहा है. वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. इसमें बताया गया है कि इजरायली खुफिया एजेंसियों को हमास नेताओं की हत्या का आदेश दिया गया है, ताकि वे यहूदी देश पर 7 अक्टूबर जैसा हमला दोबारा कभी न कर सकें.
हमास के ज्यादातर टॉप नेता कतर और लेबनान जैसे खाड़ी देशों में निर्वासन में रह रहे हैं. ऐसे में इन नेताओं के खात्मे के लिए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायली खुफिया एजेंसियों को गाजा के बाहर हमास के शीर्ष नेताओं की हत्या का टास्क दिया है.
पहले भी कई अभियान चला चुका है मोसाद
दरअसल इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद अपने ऐसे ही गुप्त आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए जाना जाता है. 1970 के दशक में भी उसने म्यूनिख ओलंपिक नरसंहार में शामिल ‘फिलिस्तीनी चरमपंथियों’ की हत्या का अभियान चलाया था, जो करीब एक साल तक चला. वहीं मोसाद पर हाल के वर्षों में फिलिस्तीनी चरमपंथियों और ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की दूसरे देशों में हत्या कराने का इल्जाम भी लगाया है.
WSJ की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ लोगों ने 7 अक्टूबर के हमले के बाद इजरायल से हमास नेता खालिद मेशाल और अन्य की तुरंत हत्या करने का आह्वान किया है. नेतन्याहू ने भी नवंबर के अंत में अपने एक भाषण में विदेश में छुपे हमास नेताओं की हत्या के लिए इजरायल की योजनाओं का संकेत दिया था.
नेतन्याहू ने पिछले महीने कहा था कि उन्होंने खुफिया एजेंसी मोसाद को गाजा के बाहर अन्य देशों में रहने वाले हमास के नेतृत्व का पता लगाने का निर्देश दिया है. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘मैंने मोसाद को हमास के प्रमुखों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, चाहे वे कहीं भी हों.’
हालांकि प्रधानमंत्री द्वारा खुलेआम ऐसा कहने से कई अधिकारी भड़क गए थे, क्योंकि वह अपने पूरे मिशन को गुप्त रखना चाहते थे. हालांकि, ऐसी किसी मुहिम से कतर या तुर्की की धरती पर ऐसा करने से बंधकों को मुक्त कराने के राजनयिक प्रयासों में रोड़ा पड़ सकता था और यही सोचकर को इस प्लान को टाल दिया गया था.