
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को व्हाट्सएप जासूसी मुद्दे को लेकर सरकार पर प्रहार किया। उन्होंने सवाल किया कि क्या इस काम में इजरायली एजेंसियों को लगाया गया था? प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, “अगर भाजपा या सरकार ने पत्रकारों, वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनेताओं के फोन की जासूसी में इजरायली एजेंसियों को लगाया था तो यह मानवाधिकारों का घोर हनन है और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहरा आघात। हम सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।”
गुरुवार को कांग्रेस ने इस समूचे विवाद की जांच अदालत की निगरानी में कराने की मांग की थी। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि उनकी पार्टी को अंदेशा है कि सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के अलावा कई विपक्षी नेताओं की जासूसी कराई गई।
कांग्रेस ने यह आरोप ऐसी खबरें आने के बाद लगाई कि पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के व्हाट्सएप की जासूसी एक इजरायली एजेंसी एनएसओ द्वारा ‘पेगासस’ सर्विलांस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर की गई। जिन लोगों को निशाना बनाया गया, उनकी सूची और पहचान जारी नहीं की गई है।
कांग्रेस ने मोदी सरकार से पूछा है कि भारत सरकार की किस एजेंसी ने ‘पेगासस’ सर्विलांस सॉफ्टवेयर खरीदा और उसका उपयोग करवाया? एजेंसी को ऐसा करने के लिए किसने अधिकृत किया, एनएसए या पीएमओ ने?
कांग्रेस प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा था, “हम सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हैं कि वह इस धृष्टता पर स्वत:संज्ञान ले और गैरकानूनी टेलीफोन हैकिंग व जासूसी कराने वाली भाजपा सरकार की एजेंसियों का खुलासा करने का दो टूक निर्देश दे तथा अदालत की निगरानी में इसकी जांच कराए।”
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गुरुवार को ट्वीट कर कहा था, “सरकार व्हाट्सएप से जवाब मांग रही है कि भारतीय नागरिकों की जासूसी के लिए किसने पेगासस की खरीद की। यह ठीक ऐसा ही सवाल है, जैसे मोदी दसॉ से पूछ रहे हैं कि भारत को राफेल जेट बेचने में किसने पैसा बनाया।”