
नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध के बीच 19 विपक्षी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि वह केंद्र सरकार को कानून वापस लेने को कहें। बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि पूरा देश सीएए पर आंदोलन कर रहा है और विपक्ष पूर्वोत्तर में और दिल्ली में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई से नाराज है।
उन्होंने कहा, “दिल्ली एक उदाहरण है, जहां पुलिस ने जामिया महिला छात्रावास में घुसकर बच्चियों को घसीटकर बाहर निकाला। उन्होंने छात्रों की बेरहमी से पिटाई की। आपने देखा है कि मोदी सरकार लोगों की आवाजें बंद करने में कोई दया नहीं दिखाती है।”
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, “सरकार को पता था कि क्या होने वाला है, लेकिन इस पर कुछ नहीं हुआ। असम में पांच लोगों की मौत हो गई और कई लोगों को गोली लगी है।”
विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति भवन जाने से पहले संसद भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास सभा की, जिसका नेतृत्व सोनिया गांधी ने किया।
विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव, द्रमुक से टी. आर. बालू, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओ. ब्रायन और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से सीताराम येचुरी शामिल रहे।