देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने News18 इंडिया को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि चीन ने भारत के जिन इलाकों में कब्जा किया है, वो सभी 1960 के दशक में किया है. पिछले 10 साल में भारत की किसी जमीन पर चीन का कब्जा नहीं हुआ है. मगर कांग्रेस के लोग यह भ्रम फैलाने में लगे हैं कि यह सब अब हो रहा है. पेश है उनके इंटरव्यू का संपादित अंश.
सवाल. राहुल गांधी कहते हैं कि चीन भारतीय सीमा में आ गया है. हमारी जमीन पर कब्जा करके बैठा है. विपक्ष यह भी कहता है कि उरी हुआ तो पाकिस्तान पर तो सर्जिकल स्ट्राइक हो गई, पुलवामा हुआ तो एयर स्ट्राइक हो गई, चीन पर खामोशी क्यों रहती है.
जयशंकर. चीन पर खामोशी नहीं है. चीन के बारे में लोगों को गुमराह किया जा रहा है. कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी कहते हैं कि चीन ने हमारी धरती पर लद्दाख में एक पुल बना लिया है. अगर आप बारीकी में जाएंगे तो देखेंगे कि ये पुल जरूर बनाया है. वहां एक झील है पैंगोंग. पैंगोंग पर चीन ने 1958 में कब्जा किया था.
कांग्रेस कहती है कि चीन अरुणाचल प्रदेश में एक गांव बसा रहा है. अरुणाचल प्रदेश में एक जगह है लोंगजू. आप संसद के रिकॉर्ड में देखेंगे तो पाएंगे कि पंडित नेहरू ने 1959 में भारत की संसद में कहा था कि लोंगजू पर चीन ने आकर कब्जा कर लिया है. हमारे हाथ से निकल चुका है.
कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा था कि शिन्जियांग वैली में काराकोरम के पास चीन एक लिंक रोड बना चुका है. इस लिंक रोड के माध्यम से चीन सियाचीन के पास तक आ जाएगा. ये इलाका भारत के हाथ से 1963 में निकल गया था. वो जमीन जरूर चीन के पास गई है, लेकिन गई थी 1958 और 1962 के बीच में.