देवदत्त पडिक्कल को रजत पाटीदार की जगह टेस्ट डेब्यू का मौका मिला. इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने इस मौके को भुनाने की कोशिश की. पहली पारी में धमाकेदार अर्धशतक जड़कर पडिक्कल ने यह बता दिया कि वह आने वाले समय के सुपर स्टार हैं. हालांकि टेस्ट टीम में आने से पहले इस लेफ्ट हैंड बैटर को पिछले 2 साल से हेल्थ संबंधी समस्यों से दो चार होना पड़ा. इसकी वजह से वह अपना बेस्ट प्रदर्शन नहीं दे पा रहे थे. इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट की पहली पारी में 65 रन बनाने वाले पडिक्कल ने कहा कि इन विषम परिस्थितियों ने उनका खेल के प्रति लगाव बढ़ाया और वह टेस्ट डेब्यू करने में सफल रहे.
देवदत्त पडिक्कल (Devdutt Padikkal) ने 2021 में श्रीलंका के खिलाफ टी20 मैच से इंटरनेशनल क्रिकेट में पदार्पण किया था लेकिन कोविड-19 से संक्रमित होने और पेट संबंधी बीमारी के कारण उनके करियर का ग्राफ आगे नहीं बढ़ पाया. इन चुनौतियों से पार पाने के बाद पडिक्कल ने घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगना शुरू कर दिया जिसका परिणाम यह निकला कि उन्हें भारत की टेस्ट टीम में जगह मिल गई. इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में उन्होंने शुक्रवार को धर्मशाला में 65 रन की लाजवाब पारी खेली जिसमें 10 चौके और एक छक्का शामिल है.
‘मैंने अनुशासित रहने का प्रयास किया’
दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद देवदत्त पडिक्कल ने कहा,‘मेरा हमेशा से मानना रहा है कि आप जो भी काम करते हो उसमें सफलता के लिए अनुशासन होना बेहद जरूरी है. फिर चाहे वह अभ्यास हो या दैनिक जीवन की आदतें या फिर भोजन. मैंने अनुशासित रहने का प्रयास किया और यही मेरा मुख्य लक्ष्य था. बीमारी के दौरान मैं बहुत कुछ नहीं कर सका लेकिन फिर भी मैं चाहता था कि मैं अन्य क्षेत्रों में पीछे ना रहूं. मैंने खुद पर काम जारी रखा फिर चाहे वह मानसिक हो या फिर छोटी -छोटी चीजें.’
‘तकनीकी तौर पर मैंने कुछ बदलाव किए’
देवदत्त पडिक्कल ने जब पूर्ण फिटनेस हासिल करने के बाद वापसी की तो उनका खेल अधिक निखर गया था. इसके अलावा उन्होंने अपने खेल में कुछ तकनीकी बदलाव भी किए. बकौल देवदत्त पडिक्कल, ‘तकनीकी तौर पर मैंने कुछ बदलाव किए लेकिन मानसिक तौर पर भी मैंने बदलाव किए. मैं यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि मैं खेल का पूरा लुत्फ उठाऊं. पिछले दो वर्षों में मैंने बहुत अधिक क्रिकेट नहीं खेली और तब मुझे अहसास हुआ कि इस खेल से मेरा कितना गहरा लगाव है और मुझे इसकी कितनी कमी खल रही है.’
‘मैं डेब्यू से पहले काफी नर्वस था’
चोट की वजह से रजत पाटीदार को धर्मशाला टेस्ट मैच में खेलने का मौका नहीं मिला. हालांकि दूसरे टेस्ट के जरिए राजकोट में टेस्ट डेब्यू करने वाले रजत का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा. वह बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे. देवदत्त पडिक्कल ने अपने डेब्यू को लेकर कहा, ‘मुझे पिछली रात मैसेज मिला था कि मैं खेल सकता हूं. मैं नर्वस था. यह मुश्किल रात थी लेकिन इसके साथ ही आप इसका आनंद भी लेते हो. आपको इसी दिन का इंतजार रहता है. मैंने प्रत्येक चौके का पूरा आनंद लिया लेकिन पहले चौके का मैंने भरपूर आनंद उठाया क्योंकि यह टेस्ट क्रिकेट में मेरा पहला रन था.’ देवदत्त पडिक्कल ने सरफराज खान के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 97 रन की साझेदारी की.