राज्यसभा ने 35 बैठकों में 31 विधेयक पारित किए


राज्यसभा ने बुधवार को समाप्त हुए बजट सत्र में 31 विधेयक पारित किए। राज्य सभा ने बीते पांच सत्रों के दौरान 33 विधेयक पारित किए थे। इस तरह राज्य सभा की उत्पादकता 105 फीसदी रही। पारित किए गए प्रमुख विधेयकों में जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019, मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 शामिल हैं। मुस्लिम महिला विधेयक तीन तलाक को अपराधिक बनाता है। वहीं जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019, राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशें में बांटने का प्रस्ताव देता है।

ऊपरी सदन में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के एक प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया। यह अनुच्छेद जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देता है।

सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले अपने समापन टिप्पणी में सभापति एम.वेंकैया नायडू ने कहा कि बीते पांच सत्रों के दौरान सदन की 7.44 फीसदी से अधिकतम 65.60 फीसदी रही।

उन्होंने कहा कि बदलाव सुखद है कि बीते पांच सालों में पहली बार सदन की उत्पादकता 100 फीसदी या इससे ज्यादा रही, ऐसा बीते पांच सालों में पहली बार हुआ है।

सत्र के दौरान लोकसभा के 36 विधेयकों के मुकाबले राज्य सभा ने 31 विधेयक पारित किए। इन 31 विधेयकों को 35 बैठकों में पारित किया गया। यह राज्यसभा का बीते 17 सालों का बेहतरीन प्रदर्शन है।

249वें सत्र के दौरान ढाई दिन कोई कामकाज नहीं हुआ। सदन का 19 घंटे व 12 मिनट का कीमती समय बर्बाद चला गया।

हालांकि, सदन 19 दिनों के निर्धारित समय के अतिरिक्त बैठा और इसे 28 घंटों का फायदा मिला।

नायडू ने कहा कि इस सत्र के दौरान पारित विधेयक देश के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य पर असर डालने के संदर्भ में बहुत ही विशेष रहे।

उन्होंने कहा, “मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक हिदू कोड विधेयक के बाद बीते 60 सालों में होने वाला सबसे बड़ा समाजिक सुधार लाने वाला विधेयक है।”

उन्होंने कहा, “इस विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर कुछ अलग दृष्टिकोण है, लेकिन सदन में सभी ने मिलकर इस महत्वपूर्ण विधेयक को पारित किया है। मैं सदन के सभी वर्गो की प्रशंसा करता हूं।”

सभापति ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन विधेयक एक अन्य ऐतिहासिक कानून है।

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