राजस्थान: भजनलाल सरकार का बड़ा आदेश, सभी राजनीतिक नियुक्तियां की रद्द, नए सिरे से होगा मनोनयन

राजस्थान की भजनलाल सरकार ने ताबड़तोड़ फैसले करते हुए पुरानी सरकार की सभी गैर सरकारी नियुक्ति को समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने आज इस मामले में आदेश जारी कर राजस्थान में निगम, मंडल, बोर्ड और आयोग भंग कर दिए हैं. इसके साथ ही पिछली गहलोत सरकार के कार्यकाल में की गई राजनीतिक नियुक्तियां तुरंत प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं. गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल के चौथे वर्ष में विभिन्न निगम और बोर्ड में राजनीतिक नियुक्तियां की थी.

प्रशासनिक सुधार विभाग ने आदेश जारी कर कहा है कि राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय समितियां, आयोग, निगम, बोर्ड और टास्क फोर्स इत्यादि में मनोनीत किए गए गैर सरकारी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों का मनोनयन एवं गैर सरकारी सदस्यों की सलाहकार सेवाएं तुंरत प्रभाव से समाप्त की जाती है. राजस्थान में राज्य महिला आयोग और बाल आयोग समेत मानवाधिकार आयोग समेत कई अन्य राजनीतिक नियुक्तियां की गई थी.

इन बोर्डों के अध्यक्ष और सदस्यों को हटाया
आदेश के तहत आरटीडीसी, राज्य वन विकास निगम, राज्य भंडार गृह निगम, जीव जंतु कल्याण बोर्ड, राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम, राज्य खनिज विकास निगम, अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम, राज्य पाठ्य पुस्तक निगम, हज कमेटी, राज्य अल्पसंख्यक आयोग, राज्य गौ-सेवा आयोग, राज्य महिला आयोग, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग और राज्य खाद्य आयोग समेत अन्य पिछड़ा वर्ग प्राधिकरण की भी सभी राजनीतिक नियुक्तियां रद्द कर दी गई हैं.

इनकी सेवाएं भी की समाप्त
इनके साथ ही अनुसूचित जाति प्राधिकरण, राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण, जयपुर विकास प्राधिकरण, राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स), राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, राज्य गृह निर्माण मंडल, राज्य हस्तशिल्प विकास बोर्ड, श्रम कल्याण बोर्ड राज्य वनौषधि पादप बोर्ड, वक्फ बोर्ड और वक्फ विकास निगम जैसे बोर्ड, आयोग और समितयों में की गई नियुक्तियां भी समाप्त कर दी गई हैं.

कइयों की पत्रावली सीएमओ में मंगवाई
अब आयोगों और बोर्डों में नई सरकार अपने हिसाब से नियुक्तियां करेगी. इस आदेश में एक खास बात ये कही गई है कि जिनकी सेवा वैधानिक दृष्टि से समाप्त होना संभव नहीं है उनकी पत्रावली सीएमओ ने भेजी जाए. हालांकि इन नियुक्तियों को ज्यादा समय नहीं है. बहुत सी नियुक्तियों में कार्यकाल भी काफी बचा था. लेकिन राजस्थान में अब सत्ता परिवर्तन हो गया है लिहाजा ये नियुक्तियां रद्द कर दी गई हैं.

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