राजस्थान का चुनावी किला फतह करने के लिए बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व ने मोर्चा संभाल लिया है. केन्द्रीय नेतृत्व की खास रणनीति के तहत ही पीएम नरेन्द्र मोदी बैक-टू-बैक राजस्थान के दौरों पर आ रहे हैं. पिछले एक साल के दौरान अब तक पीएम मोदी 10 बार राजस्थान आ चुके हैं. इन दौरों के जरिए प्रधानमंत्री मोदी अपने वादे भी निभा रहे हैं और प्रदेश की जनता को विकास कार्यों की सौगात भी दे रहे हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस ने पीएम के इन दौरों को बीजेपी की घबराहट बताकर उसे घेरने का प्रयास किया है.
पीएम मोदी के वादे की बात करें तो पिछले साल वे 30 सितंबर को आबू रोड आए थे. लेकिन रात हो जाने के कारण लोगों को संबोधित नहीं कर पाए. उस वक्त उन्होंने फिर से आने का वादा किया और उसे निभाया भी. उसके बाद पीएम मोदी ने दौसा, आबू रोड, बीकानेर और अब चितौड़ का दौरा कर विकास कार्यों की सौगात भी दी है. इन सभी बातों के साथ पीएम मोदी अपने कोर वोटर को भी लगातार मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं.
धार्मिक स्थलों को यात्रा में शामिल किया जा रहा है
पीएम मोदी के दौरों में खास तौर पर धार्मिक स्थलों की यात्रा को शामिल किया जा रहा है. पिछले साल एक नवंबर को पीएम मोदी मानगढ़ धाम आए थे. मानगढ़ आदिवासियों का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है. उसके बाद इसी साल 8 जनवरी को मालासेरी डूंगरी में गुर्जर समाज के आराध्य देव देवनारायण भगवान की जंयती समारोह में शिरकत की. फिर 10 मई को नाथद्वारा, 31 मई को पुष्कर और अब सांवलिया सेठ का दौरा किया है. राजस्थान में यह पहला मौका है जब देश के प्रधानमंत्री मरुधरा के इतने धार्मिक स्थानों पर पहुंचे हैं.
कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी ने किया पलटवार
दरअसल हिन्दुत्व बीजेपी का कोर इश्यू रहा है. हिन्दुत्व के मुद्दे से बीजेपी ने कभी भी किनारा नहीं किया है. यही कारण है कि इन दौरों के जरिए हिन्दुत्व का संदेश देने की भी कोशिश है. हालांकि कांग्रेस पीएम के इन दौरों को बीजेपी की घबराहट बता रही है. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस को केवल ताजमहल और लालकिला ही ध्यान में आता है. आज कोई भी विदेशी मेहमान आता है तो पीएम मोदी उनको सभी तीर्थ स्थलों और धरोहरों पर लेकर जाते हैं.