यूएनएचआरसी में पाकिस्तान के ‘झूठ व कपट’ का भारत ने दिया करारा जवाब


भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में कश्मीर मुद्दे का ध्रुवीकरण और राजनीतिकरण करने के पाकिस्तान के प्रयास पर गुरुवार को करारा जवाब दिया है। भारत ने कहा कि यह पाकिस्तान का ‘पूरी तरह से झूठ और कपट है’ और वैश्विक समुदाय ने इसे खारिज कर दिया, क्योंकि दुनिया इस्लामाबाद के आतंकवाद को बढ़ावा देने में भूमिका से अवगत है। दो दिन पहले यूएनएचआरसी में कश्मीर पर पाकिस्तान के झूठ पर करारा जवाब देने के बाद, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष निकाय में पाकिस्तान के झूठ पर उसे बेनकाब किया है।

पाकिस्तान को यह समझने की जरूरत है कि ‘एक झूठ को बार-बार बोलने से यह सच नहीं हो जाता।’

उन्होंने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के मामलों का संदर्भ दिया, जिनकी संख्या वहां साल दर साल तेजी से घटती जा रही है।

उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की विश्वसनीयता पूरी तरह संदिग्ध है और वैश्विक समुदाय को इसके बारे में पता है।”

उन्होंने यूएनएचआरसी में पाकिस्तान के संबोधन को ‘झूठ और कपट’ से भरा बताया और कहा कि कश्मीर के बारे में भारत के पक्ष और क्यों हमने विशेष दर्जे को हटाया, इसपर वैश्विक समुदाय के बीच ‘व्यापक समझ’ है।

कुमार ने कहा, “हमने अपने पक्ष के बारे में और यह कैसे भारतीय संविधान के आधार पर और राज्य के कल्याण के लिए किया गया है, उसके बारे में बताया है।”

उन्होंने इसके साथ कश्मीर पर ‘अंतर्राष्ट्रीय प्रेस में कई प्रेरक कहानियों’ की ओर इशारा किया।

अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद राज्य के विकास प्रक्रिया के बारे में बताते हुए, उन्होंने कहा कि लोगों को जरूरी सामानों और बिजली की आपूर्ति चौबीसों घंटे की जा रही है। स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

उन्होंने कहा, “दवाइयों की कोई कमी नहीं है। सभी जरूरी दवाइयों की आपूर्ति की जा रही है।”

उन्होंने कहा कि विशेष दर्जे को हटाने के बाद 5 अगस्त से अबतक अस्पतालों में राज्य में 400,000 से ज्यादा रोगियों को इलाज किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि राज्य के 92 प्रतिशत क्षेत्रों में अब कोई पाबंदी नहीं है और जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के 199 पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में से केवल 11 में दिन में पाबंदी लगी हुई है।

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