ताइवान के नए राष्ट्रपति विलियम लाई ने सोमवार को शपथ लेते ही चीन पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि धमकी देना बंद करें और टापू देश में लोकतंत्र को स्वीकार करे. ताइवान चीन की धमकी से पीछे नहीं हटने वाला, जिसे लंबे समय से अपना आइलैंड बताता रहा है. उन्होंने बातचीत से विवाद को सुलझाने का न्योता दिया है. वहीं चीन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘ताइवान स्वतंत्रता के बारे में सोचना बंद करे.’
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने सोमवार दोपहर प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘चाहे किसी की आड़ ले लें, लेकिन ताइवान की स्वतंत्रता का प्रायस हमेशा फेल ही होगा.’ वहीं, लंदन में चीन के ताइवान मामलों के प्रवक्ता ने चेतावनी जारी करते लाई को इस सवाल पर “गंभीरता से” विचार करना चाहिए कि वह शांतिपूर्ण विकास चाहते हैं या टकराव?
लाई ने इसी साल जनवरी में ताइवान के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में जीत हासिल किया था. बता दें कि शुरुआती दौर से ही बीजिंग लाई और उनकी पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) को नापसंद करता है. उन्हें स्वतंत्रता समर्थक के रूप में देखते हैं. जब जनवरी में चुनाव हो रहा था तब चीन ने ताइवान के जल और हवाई क्षेत्र सेना की पेट्रोलिंग बढ़ा दी थी. हालांकि, यह ताइवान के लिए कुछ नया नहीं था, चीन टापू देश को धमकाने के लिए हमेशा से ऐसा करते आया है.
राष्ट्रपति पद के लिए शपथ लेने के बाद ही लाई ने ताइवान की संप्रभुता और स्वतंत्रता पर स्टेटमेंट दिया. उन्होंने कहा कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए ‘ताइवान’ सबसे बड़ी रणनीतिक चुनौती है. लाई अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति की चीन के प्रति फॉर्मूले को अपनाया. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन की, बीजिंग के प्रति सावधानी लेकिन धीरे-धीरे आगे बढ़ना, वाले फॉर्मूले को अपनाया है.