दिल्ली शराब कांड (Delhi Liquor Scam Case) में ईडी द्वारा गिरफ्तार किये गये आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने रिहाई की मांग करते हुए मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि धनशोधन निरोधक कानून यानी मनी लॉन्ड्रिंग कानून‘उत्पीड़न का औजार’ नहीं हो सकता है. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य सिंह के अधिवक्ता ने दलील दी कि उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी अवैध, दुभार्वना से प्रेरित तथा ‘सत्ता के दुरूपयोग का स्पष्ट उदाहरण’ है, इसलिए ईडी की हिरासत में भेजने के निचली अदालत के आदेश को दरकिनार किया जाए. इतना ही नहीं, संजय सिंह ने कहा कि वह एक सार्वजनिक हस्ती हैं. और इस देश के जनाधार वाले नेता भी हैं.
संजय सिंह के वकील विक्रम चौधरी ने न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा के सम्मुख कहा, ‘(धनशोधन रोकथाम) अधिनियम उत्पीड़न का औजार नहीं हो सकता है. यदि ऐसी छूट दी जाती है तो कोई सुरक्षित नहीं है. यह सत्ता के दुरुपयोग का स्पष्ट उदाहरण है.’ बता दें कि संजय सिंह को चार अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2021-22 की दिल्ली की आबकारी नीति (अब निरस्त) में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी एवं हिरासत में भेजे जाने को पिछले सप्ताह उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. ईडी का यह धनशोधन मामला सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित है.
सीबीआई यानी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और ईडी के अनुसार, दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में बदलाव के दौरान अनियमितताएं की गयी थीं तथा लाइसेंसधारकों को अनुचित फायदा पहुंचाया गया था. ईडी ने आरोप लगाया है कि संजय सिंह ने मौद्रिक फायदे के लिए इस नीति के निर्माण एवं क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभायी थी जिससे कुछ खास विनिर्माताओं, थॉक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं को लाभ हुआ था.
संजय सिंह के वकील विक्रम चौधरी ने मंगलवार को उच्च न्यायालय से कहा कि गिरफ्तारी नहीं टिक सकती है क्योंकि कानूनी प्रावधानों का पालन नहीं किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि बिना पूर्व नोटिस या समन के आप नेता को पकड़ने की कोई ‘जरूरत’ नहीं थी. वकील ने सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा के बयान के आधार पर संजय सिंह की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए उनकी ओर से कहा, ‘मैं एक सार्वजनिक हस्ती हूं. मैं इस देश का जनाधार वाला नेता हूं…. मेरी गिरफ्तारी दुर्भावनापूर्ण, प्रक्रियाविरूद्ध है…’