मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को एमपी-एमएलए कोर्ट से राहत मिली है. कथित टिप्पणी के लिए 2019 में उन पर मानहानि का मुकदमा चलाया गया था. इसके करीब 5 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दिग्विजय सिंह को दोषमुक्त कर दिया है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राहत देते हुए माना कि उनके खिलाफ मानहानि का जो मामला चल रहा है. वह मानहानि के योग्य नहीं है.
क्या है मामला?
जानकारी के अनुसार, एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ आरएसएस और भाजपा पर दिए विवादित बयान को लेकर मानहानि का मुकदमा दायर किया था. कांग्रेस नेता पर आरोप था कि उन्होंने 31 अगस्त 2019 को भिंड में एक कार्यक्रम के दौरान RSS और BJP के खिलाफ विवादित बयान दिया था. हालांकि, मामले की जांच के बाद अब कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया है. वहीं, कांग्रेस अधिवक्ता संजय शुक्ला ने जानकारी देते हुए कहा, ‘अदालत ने पाया कि मामले में सिंह के खिलाफ तथ्य झूठे थे और उन्हें बरी कर दिया गया.
क्या दिया था दिग्विजय सिंह ने बयान?
उन्होंने बजरंग दल, आरएसएस और भाजपा के कार्यकर्ताओं पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से पैसे लेकर जासूसी करने का आरोप लगाया था. दिग्विजय सिंह ने भिंड में कहा था कि एक बात मत भूलिए, जो भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करते मिले हैं. वह भाजपा, आरएसएस और बजरंग दल से पैसे ले रहे हैं.