‘महिला आरक्षण राजनीतिक मुद्दा नहीं’, लोकसभा में विपक्ष को गृहमंत्री अमित शाह ने दिया जवाब

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने बुधवार को लोकसभा (Lok Sabha) में कहा कि महिलाओं के लिए आरक्षण ‘भाजपा (BJP) के लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि मान्यता का मामला है.’ विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्‍होंने कहा, ‘कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण एक राजनीतिक मुद्दा हो सकता है. उनके लिए यह चुनाव जीतने का एक राजनीतिक एजेंडा और हथकंडा हो सकता है, लेकिन भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है.

संसद के विशेष पांच दिवसीय सत्र के तीसरे दिन लोकसभा को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक का पारित होना एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के शपथ लेने के बाद से महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान, समान भागीदारी, सरकार की जीवन शक्ति रही है…उन्होंने जी20 में महिलाओं के नेतृत्व वाली प्रगति का दृष्टिकोण भी प्रस्तुत किया.

महिलाओं के लिए 33% आरक्षण की गारंटी देने वाला महिला आरक्षण विधेयक
लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण की गारंटी देने वाला महिला आरक्षण विधेयक को विशेष सत्र के बीच लोकसभा में पेश किया गया था. केंद्र सरकार ने इसे ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ नाम दिया है. इस बिल के तहत लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण 15 साल के लिए मिलेगा. यानी 15 साल बाद महिलाओं को आरक्षण देने के लिए फिर से बिल लाना होगा.

मोदी सरकार ने करोड़ों महिलाओं को दिया योजनाओं का लाभ
गृहमंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी की महिला केंद्रित पहलों का भी उल्‍लेख किया है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने महिलाओं को 10 करोड़ एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए हैं और 4 करोड़ घरों का निर्माण किया है. ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान का जिक्र करते हुए उन्‍होंने ने कहा कि महिलाओं के शिक्षा छोड़ने की दर में भारी कमी आई है…देश में लिंगानुपात में सुधार हुआ है.

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