राज्यसभा ने गुरुवार को ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ को मंजूरी दे दी, जिसमें संसद के निचले सदन और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है. विधेयक पारित किए जाने के दौरान उच्च सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौजूद थे. राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल के पक्ष में 215, जबकि विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा.
इससे एक दिन पहले बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक दो-तिहाई बहुमत से पारित हुआ था. ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी. राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी.
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में कहा था कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा. केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया था कि महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा.