महाराष्ट्र में भाजपा को 8 नवंबर से पहले सरकार बन जाने की उम्मीद


भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं को उम्मीद है कि आठ नवंबर से पहले तक महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बन जाएगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सोमवार को भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में हुई बैठक से ये संकेत मिले हैं।

खास बात है कि शिवसेना के साथ बातचीत सुलझाने के लिए दिल्ली से मुंबई जाकर कई दिनों तक कैंप करने वाले दोनों महासचिव सरोज पांडेय और भूपेंद्र यादव भी राजधानी लौट आए हैं। माना जा रहा है कि पार्टी की शिवसेना के साथ पदों के लेन-देन को लेकर आखिरी स्तर पर बातचीत होने के बाद ही दोनों नेताओं ने दिल्ली में दस्तक दी है।

भाजपा के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “अकेले देवेंद्र फडणवीस का दिल्ली आकर अध्यक्ष अमित शाह से मिलना, संकेत देता है कि शीर्ष नेतृत्व ने सरकार के गठन का फॉर्मूला समझाकर सारा दारोमदार उन पर छोड़ दिया है। देवेंद्र फडणवीस ही अब शिवसेना के साथ सब तय करेंगे और मौजूदा परिस्थितियों से निपटेंगे। संकेत मिल रहे कि मंगलवार तक शिवसेना से बातचीत सुलझ सकती है। आठ नवंबर तक सरकार बन जाने की उम्मीद है।”

भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी ने यह भी कहा कि शिवसेना को सरकार में शामिल होने पर क्या कुछ मिलेगा, यह सब उन्हें आधिकारिक स्तर से बता दिया गया है। अगर शिवसेना ने इस बीच फिर कोई पेच लगाया तो भाजपा या तो अल्पमत की सरकार बनाएगी, नहीं तो राष्ट्रपति शासन लगाने का चारा बचेगा।

उन्होंने कहा, “याद होगा आपको, 2014 में भाजपा ने 122 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सरकार बनाई थी। बाद में विधानसभा सत्र शुरू होने से ऐन वक्त पर शिवसेना सरकार में शामिल हुई थी। अंतर बस इतना है कि तब एनसीपी ने राज्य को दोबारा चुनाव के झंझट से बचाने के लिए भाजपा को बाहर से समर्थन दिया था।”

सूत्र बता रहे हैं हैं कि 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के 10 दिन बाद भी राज्य में सरकार न बन पाने के कारण भाजपा नेतृत्व अब ज्यादा इंतजार के पक्ष में नहीं है।

सूत्रों के मुताबिक, राज्य में बेमौसम की बारिश की मार झेल रहे किसानों की फसल खराब होने पर केंद्र से सहायता मांगने के बहाने दिल्ली पहुंचे देवेंद्र फडणवीस की गृहमंत्री व पार्टी अध्यक्ष से भेंट में सरकार गठन के फॉर्मूले पर चर्चा हो चुकी है। पार्टी के एक नेता ने कहा, “शिवसेना की आखिरी तौर पर हां या ना पर ही भाजपा का अगला कदम निर्भर करेगा।”

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