भारत में शरिया कानून लागू करने की IS रच रहा साजिश? मंगलुरू प्रेशर कुकर बम ब्‍लास्‍ट केस में NIA का बड़ा खुलासा

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले साल नवंबर में कर्नाटक के मंगलुरु में हुए इस्लामिक स्टेट (आईएस) प्रायोजित प्रेशर कुकर विस्फोट में दो आरोपियों के खिलाफ बुधवार को आरोप पत्र दायर किया. आरोपियों में से एक, मोहम्मद शारिक, एक ऑटो-रिक्शा में प्रेशर कुकर आईईडी ले जा रहा था, जब 19 नवंबर 2022 को उसमें विस्फोट हो गया. उसने लोगों के बीच आतंक पैदा करने के उद्देश्य से मंगलुरु के कादरी मंजुनाथ मंदिर में आईईडी लगाने की योजना बनाई थी लेकिन कम तीव्रता वाला बम गलती से रास्ते में फट गया.

शारिक को एनआईए ने जुलाई 2023 में गिरफ्तार किया था. उसने अपने सह-अभियुक्त सैयद शारिक के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था. एनआईए ने आज गिरफ्तार दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाते हुए आरोप पत्र दाखिल किया. एनआईए की जांच के अनुसार, शारिक और सैयद ने एक ऑनलाइन हैंडलर के साथ मिलकर खिलाफत (शरिया कानून) स्थापित करने की साजिश के तहत विस्फोट की योजना बनाई थी. साजिश के अनुसरण में, मोहम्मद शारिक ने प्रेशर कुकर आईईडी तैयार किया था और सैयद यासीन ने विस्फोटक के लिए सामग्री उपलब्ध कराई थी.

2020 से रडार पर था शारिक 
शारिक पहली बार नवंबर 2020 में सुरक्षा बलों के रडार पर आया था, जब उसे मंगलुरु शहर में आतंकवाद समर्थक भित्तिचित्रों के लिए राज्य पुलिस ने गिरफ्तार किया था.  उसने और उसके साथियों ने वैश्विक आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के समर्थन में भित्तिचित्र लगाया था. इसके बाद, शारिक को 2022 के शिवमोग्गा आईएस साजिश मामले (आरसी-46/2022/एनआईए/डीएलआई) में भी नामित किया गया था, जिसमें अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

युवाओं को कट्टरपंथी बना रहे थे आरोपी
गिरफ्तार किए गए इन 10 लोगों में से, शारिक और सैयद यासीन सहित नौ पर 30 जून 2023 को भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने, धन जुटाने और आईएस की भारत विरोधी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए परीक्षण विस्फोट करने के आरोप में आरोप पत्र दायर किया गया था.

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