ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री जॉनसन का ‘सुनहरे युग’ की शुरुआत का वादा


बोरिस जॉनसन ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं.

ब्रेक्ज़िट पर यूरोपीय संघ के साथ समझौते को संसद से पास न करा पाने के बाद टेरीज़ा मे ने पिछले दिनों इस्तीफ़ा दे दिया था.

ब्रिटेन की सत्ताधारी कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता के लिए हुए चुनाव में बोरिस जॉनसन का मुक़ाबला जेरेमी हंट से था.

बोरिस जॉनसन अपनी दिलचस्प शख़्सियत और बार-बार विवादों में घिरने के लिए चर्चित रहे हैं.

उन्होंने परंपरागत राजनीति को चुनौती दी. बोरिस जॉनसन ने पत्रकार, सांसद, मेयर और विदेश मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक सफ़र तय किया है.

उनका समर्थन करने वाले कहते हैं कि उन्हें लोगों से मिलना-जुलना अच्छा लगता है और शायद यही उनके आकर्षण का राज है लेकिन इसके पीछे तेज़ दिमाग और मेहनती शख़्स भी छिपा है.

एक ऐसा शख़्स जिसे ना सुनना पसंद नहीं है.

हाल के वर्षों में बोरिस जॉनसन अपनी निजी ज़िंदगी की वजह से मीडिया की सुर्ख़ियों में छाए रहे.

पिछले साल वो अपनी पत्नी से अलग हो गए थे.

राजनीतिक जीवन में भी उनके कम विवाद नहीं रहे हैं. कंज़र्वेटिव पार्टी के कई लोगों को लगता है कि वो कई मसले सुलझा सकते हैं.

ब्रेक्ज़िट कैंपेन के दौरान उनकी सभाओं में भारी भीड़ जुटती थी.

लंदन के मेयर रह चुके बोरिस जॉनसन अपने हेयर स्टाइल के लिए ख़ासे मशहूर हैं. सार्वजनिक जगहों पर भी वो बिखरे बालों में ही नज़र आते हैं.

वो न्यूयॉर्क में पैदा हुए और बाद में ब्रिटेन में बस गए.

उनके बारे में पहले से ही कहा जाता था कि वो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा रखते थे और इस सोच को उन्होंने सच साबित कर दिखाया है.

भारत कनेक्शन

बोरिस के भारत से न सिर्फ़ राजनीतिक बल्कि निजी रिश्ते भी रहे हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक उनकी तलाकशुदा पत्नी मरीना व्हीलर क्यूसी का भारतीय कनेक्शन है.

मरीना की मां भारतीय मूल की हैं. उनका नाम दीप व्हीलर है, जिनका संबंध सिख परिवार से है. उनके दूसरे पति चार्ल्स व्हीलर थे, जो एक पत्रकार थे.

54 साल की मरीना से बोरिस पिछले साल सितंबर में अलग हो गए थे. 25 साल तक वे साथ रहे थे और इस दौरान बोरिस कई बार भारत आए थे.

बोरिस जब भी भारत आते थे तो वो अपनी पत्नी के परिवार के यहां दिल्ली या मुंबई में रुका करते थे.

दिवंग्त पत्रकार और लेखक खुशवंत सिंह के बेटे राहुल सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, “मुझे नहीं लगता है कि किसी ब्रितानी प्रधानमंत्री का भारत से ऐसा जुड़ाव रहा होगा, जैसा बोरिस जॉनसन का रहा है.”

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