एनडीए की सरकार बनते ही बिहार सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा फैसला लिया है. 1 अप्रैल 2023 से अभी तक लिए गए सरकार के सभी निर्णयों की समीक्षा की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण विभाग,नगर विकास एवं आवास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, लोक स्वास्थ्य, अभियंत्रण खान एवं भूतत्व विभाग के कार्यों की समीक्षा होगी. समीक्षा के दौरान गड़बड़ी पाए जाने पर पूर्व में लिए गए फैसलों पर संशोधन होगा. मंत्रिमंडल सचिवालय ने इस संबंध में परिपत्र जारी किया है.
मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया, ‘निर्देशानुसार कहना है कि 1 अप्रैल 2023 से स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण विभाग,नगर विकास एवं आवास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, लोक स्वास्थ्य, अभियंत्रण खान एवं भूतत्व विभाग में पूर्व मंत्री के स्तर पर किए गए कार्यों और लिए गए निर्णयों की समीक्षा की जाए और यदि आवश्यक हो तो सक्षम प्राधिकार से अनुमोदन के उपरांत उनमें संशोधन किया जाए. इस संबंध में विभागीय मंत्री को संबंधित आदेशों की जानकारी दी जाए और मंत्री से आवश्यक निदेश प्राप्त किए जाएं.’
बिहार की एनडीए सरकार आरजेडी कोटे में मलाईदार विभागों में मंत्री स्तर पर लिए गए निर्णयों की समीक्षा करेगी.
तेजस्वी यादव को घेरने की तैयारी!
इस फैसले के साथ ही बिहार की एनडीए सरकार ने पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है. तेजस्वी के पास स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग का जिम्मा था. यानी तेजस्वी यादव के मंत्री रहने के दौरान जो भी निर्णय लिए उसकी समीक्षा होगी.
इस पत्र के जारी होने के बाद यह माना जा रहा है कि अभी तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व की सरकार को लेकर विधान परिषद में और विधानसभा में जो बातें कहीं, साथ ही उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिंह ने भ्रष्टाचार को लेकर और कार्रवाई करने को लेकर जो फाइल खुलवाने की बात की थी, उसकी पहल भी शुरू हो चुकी है. जिन विभागों की समीक्षा की बात कही गई है, वह सभी विभाग राजद के पास थे. ज्यादातर विभाग पूर्व उपमुख्यमंत्री और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पास थे.