
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के राष्ट्रवादी नेताओं को जल्द से जल्द रिहा किए जाने की मांग की है. राहुल ने आरोप लगाते हुए कहा कि है केंद्र सरकार फारूक अब्दुल्ला जैसे राष्ट्रवादी नेताओं को हटाकर राज्य में राजनीतिक शून्य पैदा करना चाहती है.
राहुल ने कहा कि राज्य की राजनीति में शून्य पैदा करने से आतंकवादियों को मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीर को स्थायी रूप से बाकी भारत के ध्रुवीकरण के लिए राजनीतिक तौर पर इस्तेमाल कर सकती है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा-
यह स्पष्ट है कि सरकार जम्मू-कश्मीर में फारूक अब्दुल्ला जी जैसे राष्ट्रवादी नेताओं को हटाकर राज्य में राजनीतिक शून्य पैदा करने की कोशिश कर रही है, जिससे आतंकियों को मौका मिलेगा. तब कश्मीर को स्थायी रूप से शेष भारत के ध्रुवीकरण के लिए राजनीतिक साधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा.
राहुल गांधी ने लिखा, “सरकार को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के लिए जगह बनाना बंद कर देना चाहिए और सभी राष्ट्रवादी नेताओं को जल्द से जल्द रिहा कर देना चाहिए.”
“कश्मीर में लोग घुट-घुटकर मर रहे हैं”
इससे पहले सीपीआई(एम) के सीनियर नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व विधायक मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने राज्य के हालात सामान्य होने के केंद्र सरकार के दावों पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि कश्मीर ‘‘ कुंठा’’ में है और वहां लोग ‘‘घुट-घुटकर’’ मर रहे हैं.
सीपीआई(एम) के महासचिव सीताराम येचुरी के साथ तारीगामी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा-
सरकार कहती है कि वहां एक भी गोली नहीं चली, हालात सामान्य हैं. फिर वहां के लोगों के नागरिक अधिकारों और सेवाओं को क्यों छीना गया है?
उन्होंने स्थिति की गंभीरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार किसी अन्य इलाके में टेलीफोन और इंटरनेट समेत अन्य नागरिक सुविधाएं बंद करके यह देख ले कि ऐसा करने से कैसे हालात हो जाते हैं?
उन्होंने मोदी सरकार की कश्मीर नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोगों को जेल में डालकर, उन्हें प्रताड़ित कर, संचार सेवाएं रोक कर और सामान्य जनजीवन प्रभावित कर, क्या सरकार कश्मीर के लोगों का विश्वास जीत पाएगी.