फडणवीस ने राष्ट्रपति शासन को दुर्भाग्यपूर्ण कहा, जल्द स्थिर सरकार की उम्मीद जताई


महाराष्‍ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम मंगलवार को काफी तेजी से बदला। सुबह से शाम तक नई दिल्‍ली से लेकर मुंबई तक बैठकों का दौर जारी रहा। जहां दिल्‍ली में कांग्रेस का बैठकों का दौर जारी रहा। वहीं मुंबई में एनसीपी ने बैठक की। राज्‍यपाल भगत सिंह कोश्‍यारी ने राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी। केंद्रीय कैबिनेट ने भी राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन की सिफारिश की है। देर शाम राष्‍ट्रपति ने इसे मंजूरी दे दी। वहीं शिवसेना ने राष्‍ट्रपति शासन की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है।

पार्टी की कोर कमेटी की बैठक के बाद भाजपा नेता सुधीर मुगंटीवार ने कहा, राष्ट्रपति शासन निश्चित रूप से ऐसी चीज है जिसकी हमें उम्मीद नहीं थी। हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि लोगों के जनादेश का सम्मान किया जाए। हम स्थिर सरकार बनाने की कोशिश करेंगे। हम राज्य के लोगों द्वारा खड़े होंगे।

पूर्व मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन हमें उम्मीद है कि महाराष्ट्र को जल्द ही एक स्थिर सरकार मिलेगी।

एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा, सभी शंकाओं का अभी समाधान होना चाहिए। अब तक कुछ फैसला नहीं हुआ है। कांग्रेस से बातचीत जारी है।

नारायण राणे ने कहा, 145 विधायकों को जुटाने की कोशिश है। जब भी जाएंगे राज्यपाल के पास 145 का आंकड़ा लेकर जाएंगे। हम सरकार बनाने की कोशिश करेंगे।

पूर्व मुख्‍यमंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे ने कहा, मुझे नहीं लगता है कि शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस के साथ जाएगी। शिवसेना ने मुझे ही साम, दाम, दंड भेद सिखाया। भाजपा की सरकार बनाने के लिए जो करना होगा वो करेंगे। बाद में कहा कि जिसे जहां जाना हो, वो उसके साथ जाए।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने स्‍पष्‍ट किया , हमने राष्ट्रपति शासन के फैसले के खिलाफ कोई याचिका दायर नहीं की है।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, भाजपा के साथ जाने का विकल्प हमने खत्म नहीं किया, रिश्ता भाजपा ने खत्म किया। हमने बुरे समय में भाजपा का साथ दिया।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, अब तो राज्यपाल ने हमें 6 महीने का समय दे दिया है। अब हम तीनों (कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना) न्‍यूनतम साझा प्रोग्राम पर बातचीत करेंगे। अब तक सिर्फ शिवसेना ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है। ऐसे में हमारा दावा अब भी बरकार है।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल पर तंज कसा। उन्‍होंने कहा हमने 3 दिन के लिए समय मांगा था राज्यपाल ने 6 महीने का समय दे दिया है।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय मंत्री पद छोड़ने के लिए अरविंद सावंत का धन्यवाद किया। उन्‍होंने कहा-सावंत कट्टर शिवसैनिक हैं। उनकी पार्टी को सम्मान नहीं मिला तो उन्होंने मंत्री पद छोड़ दिया।

विधायकों से बातचीत के बाद पत्रकारों से बातचीत में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, हमने सरकार बनाने की इच्‍छा जताई। भाजपा को 48 घंटे का समय दिया गया, लेकिन हमें 24 घंटे का समय दिया गया। बहुमत साबित करने के लिए 24 घंटे का समय बहुत कम है। अभी कांग्रेस और एनसीपी से बातचीत चल रही है। सरकार बनाने का दावा अभी भी कायम है। सरकार बनाने के लिए शिवसेना को समय की जरूरत है। कल मैंने पहली बार कांग्रेस और एनसीपी से संपर्क किया। हमारे बारे में जो अफवाहें फैलाई जा रही थीं, वो गलत थीं। कल पहली बार कांग्रेस और एनसीपी से संपर्क किया। भाजपा से जिस तरह से बातचीत हो रही थी वो मुझे पसंद नहीं थी। भाजपा ने मुझे अंधेरे में रखा। भाजपा ने विकल्‍प को खत्‍म किया, हमने खत्‍म नहीं किया। अब हम अलग विचारधारा के लोगों के साथ सरकार बनाना चाहते हैं। हम कांग्रेस और एनसीपी से न्‍यूनतम साझा कार्यक्रम पर बातचीत करेंगे। मैं पूछना चाहते हैं कि बिहार, जम्‍मू कश्‍मीर से अलग-अलग विचारधारा के लोगों के सथ भाजपा सरकार बना सकती है, तो हम क्‍यों नहीं।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हम दोबारा चुनाव में नहीं जाना चाहते हैं। हम जल्दबाजी में नहीं हैं। हम कांग्रेस के साथ चर्चा करेंगे और फिर शिवसेना का समर्थन करने के लिए एक निर्णय लेंगे।

कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा, केंद्र सरकार ने कई राज्‍यों में मनमानी की। केंद्र सरकार ने कभी नियमों पर पालन नहीं किया। कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं करना गलत। संविधान का मजाक उड़ाने की कोशिश हुई। एनसीपी से बातचीत के बिना कोई फैसला नहीं ले सकते। एनसीपी से बातचीत के बाद ही शिवसेना से बातचीत होगी।

एनसीपी नेता प्रफुल्‍ल पटेल ने कहा, आज एनसीपी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच बैठक हुई। 11 नवंबर को शिवसेना ने पहली बार औपचारिक रूप से हमसे संपर्क किया। हम सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे और फिर निर्णय लेंगे।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ शिवसेना की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई नहीं हुई। राज्‍यपाल ने एनसीपी और कांग्रेस से समर्थन पत्र हासिल करने के लिए पार्टी को तीन और दिन देने से इन्‍कार किया था।

शिवसेना के वकील ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री ने कहा कि वे तत्काल सुनवाई के लिए कल कोर्ट के सामने मामला रख सकते हैं। राष्ट्रपति शासन के खिलाफ नई या दूसरी याचिका तैयार की जा रही है। कल तय करेंगे कि इसे कब दाखिल करना है।

राष्ट्रपति शासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दूसरी अर्जी देगी शिवसेना। पार्टी ने आज दाखिल की थी पहली अर्जी।

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके पुत्र आदित्य ठाकरे अपने विधायकों से मिलने पहुंचे।

मुंबई में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ बैठक के लिए वाईबी चव्हाण केंद्र पहुंचे।

शिवसेना के वकील राजेश इनामदार ने कहा कि राष्ट्रपति शासन के बारे में जो भी जानकारी मुझे मिल रही है वह समाचार चैनलों के माध्यम से है। इस पर एक कानूनी चर्चा करेंगे और इसके बाद यदि कोई याचिका दायर करने की आवश्यकता है तो हम कानूनी सहारा लेंगे।

गृह मंत्रालय के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार का विचार है कि चुनावी प्रक्रिया की समाप्ति के 15 दिन हो जाने के बाद भी कोई भी राजनीतिक पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है, लिहाजा राष्ट्रपति शासन बेहतर विकल्प है।

गृह मंत्रालय के अनुसार, राज्यपाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र की सरकार संविधान के प्रावधान के तहत नहीं बन सकती, लिहाजा कोई और विकल्प नहीं है। उन्हें संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत विवश होकर यह रिपोर्ट भेजनी पड़ रही है।

महाराष्ट्र के राज्यपाल ने 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश करते हुए कहा कि राज्य में स्थायी सरकार बनाना संभव नहीं है। महाराष्ट्र विधानसभा को स्थगित कर दिया गया है।

गृह मंत्रालय के अनुसार, राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि राज्य में कोई भी दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है, इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।

शिवसेना द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने पर महाराष्ट्र सरकार के वकील निशांत कतनेकर ने कहा कि मुझे अभी याचिका की कॉपी नहीं मिली है। उसे देखने के बाद हम आगे के कदम उठाएंगे।

मुंबई में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल की बैठक हो रही है। महाराष्‍ट्र में सरकार बनाने को लेकर चर्चा हो रहा है।

एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि पार्टी का मानना है कि बिना तीन दलों कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के मिले कोई वैकल्‍प‍िक सरकार नहीं बन पाएगी। यदि तीनों पार्टियां साथ आती है तो एक स्‍थाई सरकार बनाई जा सकती है।

एआइएमआइएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम न तो भाजपा की अगुवाई वाली सरकार का समर्थन करेंगे और ना ही शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार का। मैं खुश हूं कि यदि कांग्रेस और राकांपा शिवसेना का समर्थन कर रही है तो लोगों को पता चल जाएगा कि कौन किसके वोट काट रहा है और कौन किससे टकरा रहा है।

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