
जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति को पूरी तरह सामान्य बनाने व राजनीतिक गतिविधियों को बहाल करने की प्रक्रिया के बीच गुरुवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद नजीर अहमद लावे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कश्मीर के हालात का जायजा लेने के लिए केंद्रीय मंत्रियों के एक समूह को भेजने की मांग की है। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की इस बात से सहमति जताई कि जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात ‘पूर्व की सरकारों द्वारा की गई बेशुमार गलतियों का नतीजा’ हैं और प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि वह अपनी नीति ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ को राज्य में लागू करें।
मोदी को लिखे गए पत्र में उन्होंने सुझाव दिया है कि मंत्रियों के एक समूह को कश्मीर भेजें, ताकि वे वहां की जमीनी स्थिति का आकलन कर सकें और लोगों के दिलों व दिमाग को जीतने के लिए कुछ ठोस और व्यावहारिक राजनीतिक नीति की रिपोर्ट तैयार हो सके।
उनकी पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती नजरबंद हैं। उन्होंने अनुच्छेद-370 को रद्द करने के बाद हिरासत में लिए गए सभी लोगों की रिहाई और टेलीफोन व इंटरनेट सेवा को बहाल करने की भी अपील की।
उन्होंने पत्र में कहा, “मैं यह भी कहना चाहूंगा कि गृह मंत्री ने 28 जून को लोकसभा में बयान दिया कि कश्मीर मुद्दा पिछली सरकारों द्वारा किए गए हिमालयी गलतियों का परिणाम हैं। अगर पिछली सरकारें जनता से किए गए वादों को पूरा करती तो स्थिति इतनी बदतर नहीं होती।”
राज्यसभा सांसद ने कहा, “यह विश्वासघात का नतीजा है जो आज तक हमें रुला रहा है। कश्मीर के युवा निराशा महसूस करते हैं। वे आमतौर पर परेशान और दुखी हैं। अलगाव की भावना इतनी गहराई से घिरी हुई है कि आप शायद ही उनके चेहरे पर खुशी देखेंगे।”