पीजीआई चंडीगढ़ ने कहा कि उसने नवजात शिशुओं के लिए मदर मिल्क बैंक शुरू किया है।
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, मदर मिल्क को बैंक में लाने से पहले उनकी स्क्रीनिंग की जाती है और फिर पॉश्चराइज किया जाता है। मां का यह दूध उन नवजात शिशुओं को दिया जाएगा, जो समय पूर्व जन्म लेते हैं और उनकी मां उन्हें अपना दूध पिलाने में असमर्थ हैं।
अपनी मां का दूध किसी भी नवजात शिशु के लिए सबसे अच्छा माना जाता है, लेकिन जब अपनी मां का दूध उपलब्ध न हो तो किसी अन्य महिला का दूध भी अच्छा विकल्प है। खासकर समय पूर्व जन्म लेने वाले बच्चों के लिए यह बहुत जरूरी है।
मां का दूध बच्चों को संक्रमण से बचाता है और शिशु मृत्युदर को कम करने में सहायक होता है।
यह इस इलाके में दूसरा मदर मिल्क बैंक है और पीजीआई के पास इसे संचालित करने के लिए सभी आधुनिक मशीनें हैं।
देशभर में 100 से भी अधिक मदर मिल्क बैंक हैं और सरकार का लक्ष्य नवजात शिशु द्वारा मां का दूध पीने की दर को बेहतर करना है। सरकार का लक्ष्य इसके लिए सभी मेडिकल कॉलेजों और जिलों में मदर मिल्क प्रबंधन केंद्र स्थापित करना है।
अधिकतर पश्चिमी देशों में समयपूर्व जन्म लेने वाले नवजात शिशुओं के लिए मदर मिल्क बैंक हैं।
पीजीआई चंडीगढ़ में प्रीटर्म डिलीवरी यानी समय पूर्व बच्चों के जन्म लेने की दर बहुत अधिक है और यह मिल्क बैंक बीमार और प्रीटर्म बच्चों को मदर मिल्क पिलाने में कारगर साबित होगा।