पीएसएल मैच में मोबाइल इस्तेमाल का मुद्दा पीसीबी का : आईसीसी


पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल)-2020 संस्करण की शुरुआत होने के दो दिन बाद ही एक विवाद ने जन्म ले लिया। शुक्रवार रात कराची किंग्स के एक अधिकारी को पेशेवर जाल्मी टीम के खिलाफ खेले गए मैच में डगआउट में फोन पर बात करते हुए देखा गया। इस पर आईसीसी ने कहा है कि वह पीएसएल के प्रतिदिन के कामकाज में दखल देना नहीं चाहती।

आईसीसी ने कहा है कि इस मुद्दे को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को देखना होगा।

आईसीसी के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि पीएसएल घरेलू टूर्नामेंट है इसलिए मोबाइल फोन इस्तेमाल करने के मुद्दे को पाकिस्तान के बोर्ड को ही देखना होगा।

अधिकारी ने कहा, यह घरेलू मैच है और इसलिए यह पीसीबी का मुद्दा है।

इस पूरे प्रकरण को टीवी पर देखा गया और सोशल मीडिया पर इसे खूब शेयर भी किया गया।

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर इस पर टिप्पणी करने वालों में से एक थे।

उन्होंने ट्वीट किया, डगआउट में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना गलत है।

टीम के कोच डीन जोन्स ने अब इस पर सफाई देते हुए कहा है कि वासी मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं और वह सिर्फ अपना काम कर रहे थे।

उन्होंने ट्वीट किया, सभी टी-20 क्रिकेट लीगों की तरह ही, मैनेजर/सीईओ को फोन रखने की इजाजत होती है। इस मामले में तारिक जो हमारे सीईओ हैं वो अपना काम कर रहे थे। यहां वे हमारे लिए आज के लिए अभ्यास समय के लिए प्रबंध कर रहे थे। आपकी चिंता के लिए शुक्रिया।

जोन्स ने जहां वासी को सीईओ बताया है वहीं किंग्स टीम के मीडिया मैनेजर फैजल मिर्जा ने बताया था कि वासी टीम मैनेजर हैं। लेकिन पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, टॉस के दौरान जो टीम शीट जारी की गई थी, उसमें नावेद राशिद को टीम का मैनजेर बताया गया था।

इस मामले में पीसीबी के मुखिया एहसान मनी से संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने मैसेज का जवाब नहीं दिया है।

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नियमों के मुताबिक, ड्रैसिंग रूम में खिलाड़ी या टीम प्रबंधन के सदस्य कोई भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकता। ये लोग सिर्फ वॉकी-टॉकी पर बातचीत कर सकते हैं। इन सभी के मोबाइल फोन टीम के साथ मौजूद भ्रष्टाचार रोधी समिति के अधिकारी को सौंप दिए जाते हैं।

आईसीसी के सब-आर्टिकल 4.2 के मुताबिक, प्रत्येक टीम मैनेजर को पीएमएओ के अंतर्गत मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति होती है बशर्ते वो फोन का इस्तेमाल खुद क्रिकेट संचालन के लिए या खिलाड़ियों तथा टीम प्रबंधन के सदस्यों के अहम निजी कामों के लिए करे।

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