पीएनबी को पहली तिमाही में 1,019 करोड़ रुपये का फायदा


देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले के बाद संकट में घिरा पंजाब नैशनल बैंक (PNB) मुनाफे की राह पर लौट रहा है। फरवरी 2018 में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के घोटाले से पर्दा उठने के बाद मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसका परिणाम सबसे अच्छा रहा है। बैंक ने जून में समाप्त तिमाही में 1,019 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ की घोषणा की है। एक साल पहले इसी तिमाही में 940 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। घोटाले के बाद केवल 2 तिमाही में बैंक को मुनाफा हुआ है। इससे पहले पिछले वित्त वर्ष के अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में बैंक को 246.51 करोड़ का मुनाफा हुआ था।

मार्च 2019 में समाप्त हुए चौथे क्वॉर्टर में बैंक को 4,749.64 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। 2019-20 की जून तिमाही में बैंक की कुल आमदनी बढ़कर 15,161.74 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 15,072.41 करोड़ रुपये की आमद हुई थी। बैंक ने शुक्रवार को शेयर बाजार को यह सूचना दी।

संपत्ति के मोर्चे पर भी राहत है। बैंक का कुल एनपीए जून 2019 में ग्रॉस अडवांस के मुकाबले गिरकर 16.49 फीसदी रह गया है। जून 2018 में यह 18.26 फीसदी था। शुद्ध एनपीए पिछले साल के 10.59 फीसदी के मुकाबले 7.17% रहा। नतीजे आने के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर PNB के शेयरों में तेजी दिखी।

अरबपति जूलर नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने पीएनबी में देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले को अंजाम दिया। इसके बाद 2017-18 की मार्च तिमाही में बैंक को 13,417 करोड़ रुपये का भारी शुद्ध घाटा हुआ था। किसी एक तिमाही में यह पीएनबी का सबसे बड़ा घाटा था। हालांकि इसके बाद बैंक ने तेजी से रिकवरी की है और इसका घाटा लगातार कम होता गया।

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