पाकिस्तान की ताजा गठबंधन की सरकार के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को देश की संसद में पूर्व सैना प्रमुख आयूब खान को लेकर बड़ा बयान दिया. तीखी संसदीय बहस के दौरान ख्वाजा आसिफ ने मांग की कि संविधान को निरस्त करने के लिए पूर्व सैन्य तानाशाह अयूब खान के शव को कब्र से निकाला जाए और फांसी पर लटका दिया जाए. समस्या तब शुरू हुई अयूब खान के पोते उमर अयूब खान ने सैन्य प्रवक्ता मेजर-जनरल अहमद शरीफ चौधरी की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कड़ी आपत्ति जताई. वो पाकिस्तानी ससंद में विपक्षी नेता भी है. उन्होंने इसे सेना द्वारा राजनीति में हस्तक्षेप करार दिया.
उन्होंने कहा, “संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं.” उन्होंने कहा कि वे “राज्य के उपकरण (टूल) हैं, न कि स्वयं राज्य.” उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने से रोकती है. सुरक्षा संस्थान इस संविधान के अनुसार राजनीति में शामिल नहीं हो सकते. यह प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं होनी चाहिए थी. उन्होंने अनुच्छेद 6 को भी जोर से पढ़ा कि संविधान को निरस्त करना मौत की सजा के साथ उच्च देशद्रोह है और आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए. उन्होंने दोहराया, “संवैधानिक रूप से, हर संस्था की अपनी सीमाएं होती हैं.अगर संस्थाएं अपने भीतर काम नहीं करेंगी तो देश प्रगति नहीं कर सकता.”