भीषण आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान में हर व्यवस्था चरमराई हुई है. पहले से ही यहां महंगाई चरम पर है. खाने-पीने की हर चीज की कीमतें आसमान छू रही हैं. कुछ दिन पहले ही एक बार फिर बिजली की दरों में बढ़ोतरी की गई है. जिसके बाद देश में बिजली की दरें 67 रुपये प्रति यूनिट को पार कर गई हैं. लेकिन इसके बाद भी उनकी मुश्किलों का अंत नहीं हुआ है. पाकिस्तान की बिजली नियामक नेशनल इलेक्ट्रिक पावर रेग्युलेटर अथॉरिटी (Nepra) द्वारा जारी संशोधित उपभोक्ता सेवा नियमावली में उपभोक्ताओं के लिए अतिरिक्त शुल्क और कड़े उपाय पेश किए गए हैं. इसके तहत बिल किश्तों पर 14 प्रतिशत ब्याज दर और प्रायरिटी कनेक्शन के लिए ‘तत्काल शुल्क’ शामिल है.
‘डॉन’ की एक रिपोर्ट के अनुसार नए कंज्यूमर मैनुअल में एक परिसर में कई कनेक्शनों पर प्रतिबंध और पेनाल्टी, बिजली वितरण कंपनियों (डिस्को) द्वारा धीमे मीटर, दोषपूर्ण मीटर, चोरी आदि जैसी संदिग्ध कामों पर भारी पेनाल्टी की भी मांग की गई है. प्रस्तावित संशोधनों के तहत प्रायरिटी कनेक्शन चाहने वाले उपभोक्ताओं को अब सिंगल फेज मीटर के लिए 15,000 रुपये और थ्री-फेज मीटर के लिए 30,000 रुपये का ‘तत्काल शुल्क’ देना पड़ेगा.
किस मद में बढ़ाया शुल्क
यह शुल्क घरेलू और कामर्शियल उपयोगकर्ताओं (15 किलोवाट तक) और औद्योगिक और कृषि उपयोगकर्ताओं (8 किलोवाट तक) के लिए नए कनेक्शन के नियमित शुल्क के अतिरिक्त है, जहां केवल एनर्जी मीटर और केबल शामिल हैं लेकिन कोई वितरण ट्रांसफार्मर नहीं है. दिलचस्प बात यह है कि हाल ही में एक सार्वजनिक सुनवाई में, बिजली कंपनियों ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के लिए बिजली की मांग में 5 प्रतिशत की वृद्धि के पूर्वानुमान के मुकाबले, खपत वास्तव में 13 प्रतिशत कम थी, जिसका मुख्य कारण उच्च टैरिफ था. नेप्रा के सदस्यों ने चिंता व्यक्त की कि जुलाई 2023 के अंत तक नए कनेक्शन के लिए 350,000 से अधिक आवेदन डिस्को के पास लंबित थे, जबकि मांग कम हो रही थी.
गुरुवार को की गई थी बिजली दरों में बढ़ोतरी
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में पिछले कुछ समय से लगातार बिजली की दरें बढ़ाई जा रही हैं. गत गुरुवार को एक बार फिर बिजली की दरों में बढ़ोतरी की गई है. यह बढ़ोतरी 3.07 रुपये प्रति यूनिट है.इससे पहले अगस्त महीने भी पाकिस्तान में बिजली की दरें बढ़ाई गई थीं. अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज लेने के कारण पाकिस्तान को घरेलू स्तर पर कई आर्थिक सुधार करने पड़े हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने ये शर्ते लगाई हैं. इन्हीं शर्तों के तहत ईंधन की कीमतें भी बढ़ाई गई हैं. पाकिस्तान में पेट्रोल 288 रुपये और डीजल 290 रुपये लीटर है.