पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व पीएम इमरान खान तोशखाना मामले में 3 साल की सजा काट रहे हैं. वह पाकिस्तान की अटक जेल (Attock Jail) में बंद हैं. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने 6 मामलों में अपनी अंतरिम जमानत बढ़ाने को लेकर अदालत में याचिका दायर की थी. इस्लामाबाद की एक जिला एवं सत्र अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए उनकी अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया है और याचिका खारिज कर दी.
पाकिस्तान की समाचार एजेंसी जियो न्यूज के मुताबिक इमरान खान की याचिका पर फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश मुहम्मद सोहेल ने कहा कि यह सुविधाजनक होगा यदि पूर्व पीएम मामलों से संबंधित जांच में शामिल हों जिनको पिछले साल संसद में हुई वोट के जरिये सत्ता से हटा दिया गया था. इमरान खान की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने संबंधी याचिका को खारिज करते हुए जज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में खान की जमानत नहीं बढ़ाई जा सकती.
बताते चलें कि इमरान खान के खिलाफ पाकिस्तान की संघीय राजधानी के कराची कंपनी, रमना, कोहसर, तरनूल और सचिवालय पुलिस स्टेशनों में अलग-अलग 6 मामले दर्ज किए गए थे. इस साल 9 मई को भ्रष्टाचार के एक मामले में पीटीआई प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये थे और पार्टी समर्थकों ने देश के कई हिस्सों में रक्षा और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला बोल दिया था.
इन दंगों में कथित संलिप्तता के लिए सैकड़ों पीटीआई कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया था, जबकि अधिकारियों ने पूर्व प्रधान मंत्री पर हिंसक विरोध प्रदर्शन का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया था.
इस बीच देखा जाए तो सत्ता से बाहर किए गए पूर्व पीएम इमरान खान को इस माह इस्लामाबाद की एक ट्रायल कोर्ट ने तोशखाना (राज्य डिपॉजिटरी) मामले में भ्रष्टाचार में संलिप्ता के चलते 3 साल की सजा सुनाई थी. गिफ्ट की आय को छुपाने के दोषी ठहराये जाने के बाद से वो जेल में बंद हैं. कोर्ट ने उन पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था. यह मामला साल 2018 से 2022 तक पीएम पद पर रहने के दौरान विदेशी गणमान्यों से प्राप्त गिफ्ट से आय को छुपाने का दोषी ठहराये जाने का है.
उधर, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने कोर्ट से उनको दोषी ठहराए जाने के बाद सार्वजनिक पद संभालने से 5 साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया.
द न्यूज इंटरनेशनल में शनिवार को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में एक आतंकवाद-रोधी अदालत ( Anti-Terrorism Court) ने गुरुवार को 7 मामलों में पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान की अंतरिम जमानत खारिज कर दी. यह भी बताया कि सात मामलों में लाहौर कोर कमांडर (Lahore Corps commander’s house attack) के घर पर हमला भी शामिल है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष अभियोजक फरहाद अली शाह ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि दोषी अभियुक्तों के छूट आवेदनों को स्वीकार करने की कानून में कोई गुंजाइश नहीं है. उन्होंने कोर्ट से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष की अंतरिम जमानत खारिज करने की गुहार लगाई. दूसरी ओर, इमरान खान के वकील ने दलील दी कि उनका मुवक्किल जेल में है और अदालत को उसे समन करना चाहिए क्योंकि वह अदालत के सामने पेश होना चाहता है.
द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार, अदालत ने जवाब दिया कि जब खान स्वतंत्र थे, तब भी उन्होंने कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया. बैरिस्टर सलमान सफ़दर, जिन्हें सुनवाई में भाग लेने से छूट दी गई थी, ने भाग लेने से छूट के अपने अनुरोध पर बहस करने के लिए अधिक समय का अनुरोध किया. कोर्ट ने पीटीआई अध्यक्ष को पेशी से छूट देने से इनकार कर दिया और उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी.