आतंकियों को पनाह देने के लिए बदनाम पाकिस्तान इन दिनों अपने इतिहास के सबसे बुरे दिनों से गुजर रहा है. पूरे जिन्नालैंड में हाहाकार मचा है. आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों के पास सब्जी दाल, और पेट्रोल खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं तो वहीं अब पाकिस्तान सरकार का खजाना भी खाली हो गया है. उसके पास राजनयिकों को वेतन देने तक के पैसे नहीं बचे हैं. पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की भी कई उड़ानें बंद हो गई हैं, क्योंकि उनके पास फ्यूल भरवाने के लिए पैसे नहीं बचे हैं.
जानकारी के मुताबिक आर्थिक तंगहाली से गुजर रही पाकिस्तान सरकार पिछले तीन महीनों से कुछ राजनयिक मिशनों में तैनात पाकिस्तानी राजनयिकों को वेतन का भुगतान नहीं कर पा रही है. विदेशों में तैनात होने के कारण इन राजनयिकों को वेतन डॉलर में किया जाता था. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है और इस कारण न सिर्फ आयात प्रतिबंध लगाने पड़े हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 3 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज के लिए भी उसे हाथ फैलाने पड़ रहे हैं.
4 माह से वेतन न मिलने से राजनयिकों की बढ़ी मुश्किल
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और हांगकांग में काम करने वाले प्रेस अटैची के साथ-साथ सिंगापुर में नियुक्त प्रेस सलाहकार जून से बिना वेतन के रह रहे हैं. पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने कहा है कि देश की विदेशी मुद्रा सीमा पहले ही समाप्त हो चुकी है. इसलिए, उनका वेतन चालू माह के लिए भी जारी नहीं किया जा सकता है. वॉशिंगटन, हॉन्ग कॉन्ग और सिंगापुर जैसे अत्यधिक महंगे शहरों में काम करने वाले पाकिस्तानी अधिकारियों को 4 महीने तक बिना वेतन के काम करना होगा.
बच्चों की फीस भरना हुआ मुश्किल
वेतन नहीं मिलने से पाकिस्तानी राजनयिकों के पास बच्चों की फीस भरने के भी पैसे नहीं बचे हैं. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो राजनयिकों का कहना है कि उन्हें स्कूलों से चेतावनी मिली है कि अगर इस महीने फीस नहीं भरी गई तो उनके बच्चों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होगी. कुछ ने वेतन नहीं मिलने पर नौकरी छोड़ने की भी पेशकश की है.