भारतीय क्रिकेट टीम के सीनियर खिलाड़ी आर अश्विन को उनके खेल के साथ साथ विवादों के लिए जाना जाता है. विरोधी टीम के खिलाड़ियों से उलझने वाले इस अनुभवी गेंदबाजी की गलती का खामियाजा इस बार पूरी भारतीय टीम को उठाना पड़ा. इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में खेली जा रही टेस्ट सीरीज के तीसरे मुकाबले में वह बल्लेबाजी करते वक्त फील्ड इंपायर से उलझ गए और गुस्से का शिकार भारतीय टीम बन गई.
भारत पर शुक्रवार को यहां इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे क्रिकेट टेस्ट के दौरान उसके बल्लेबाजों के पिच के बीच में दौड़ने के दूसरे अपराध के लिए पांच रन का जुर्माना लगाया गया. इस पेनल्टी का मतलब है था कि इंग्लैंड अपनी पहली पारी की शुरुआत कोई भी गेंद फेंके जाने से पहले बिना विकेट खोए पांच रन से करेगा.
ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन के पिच के बीच में दौड़ने के कारण भारत पर जुर्माना लगा. मैदानी अंपायर जोएल विल्सन ने अश्विन को फटकार लगाई. दूसरे दिन के खेल के दौरान भारतीय पारी के 102वें ओवर की तीसरी गेंद के बाद विल्सन को पिच के बीच में दौड़ने के लिए अश्विन के साथ बातचीत करते देखा गया. इससे पहले रविंद्र जडेजा ने भी पहले दिन के खेल के दौरान ऐसा किया था.
अश्विन ने रेहान अहमद की गेंद को खेला और बिना यह समझे कि वह कहां दौड़ रहे हैं तुरंत एक रन लेने के लिए दौड़ पड़े. पदार्पण कर रहे ध्रुव जुरेल ने हालांकि उन्हें वापस भेज दिया. अश्विन से पूर्व अंपायरों ने यहां निरंजन शाह स्टेडियम में टेस्ट के पहले दिन जडेजा को भी पिच के बीच में दौड़ने के लिए चेतावनी दी थी.
एमसीसी के अनुचित खेल के अंतर्गत आने वाले नियम 41.14.1 के अनुसार ‘पिच को जानबूझकर या जिससे बचा जा सकता है वह क्षति पहुंचाना अनुचित है. यदि स्ट्राइकर गेंद को खेलते हुए सुरक्षित क्षेत्र में प्रवेश करता है तो उसे इसके तुरंत बाद वहां से हटना होग.’’
नियम के अनुसार ‘यदि कोई अंपायर मानता है कि पिच पर उसकी उपस्थिति उचित कारण के बिना है तो बल्लेबाज को जिस क्षति से बचा जा सकता था उसे पहुंचाने वाला माना जाएगा।’
नियम के अनुसार एक टीम को ‘पहली और अंतिम चेतावनी’ मिलेगी जो पूरी पारी के दौरान लागू होगी. अगर पारी के दौरान टीम के किसी भी सदस्य द्वारा अपराध दोहराया जाता है तो बल्लेबाजी करने वाली टीम पर पांच रन की पेनल्टी लगेगी.