पंजाब कांग्रेस ने करतारपुर कॉरिडोर को रोकने की मांग पर स्वामी की निंदा की


भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता और राज्यसभा सदस्य डॉ. सुब्रह्मण्‍यम स्वामी केे करतारपुर कॉरिडोर पर दिए बयान से विवाद पैदा हो गया है। स्‍वामी ने पाकिस्‍तान से रिश्‍ते का हवाला देते हुए कहा कि करतारपुर कॉरिडोर का काम बंद किया जाए। इस पर भाजपा की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने आपत्ति जताई है। सीनियर अकाली नेता व राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्‍होंने कहा है कि सुब्रह्मण्यम स्वामी अपना बयान तुरंत वापस लें और माफी मांगें।

सुब्रह्मण्‍यम स्वामी को यहां सेक्‍टर 10 स्थित डीएवी कॉलेज में आयोजित सांस्कृतिक गौरव मंच के कार्यक्रम को संबोधित करने आए थे। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध फिलहाल ठीक नहीं चल रहे हैं। सिखों को यह बात समझनी चाहिए कि पाकिस्तान उनके लिए सही नहीं है, इसलिए करतारपुर कॉरिडोर का काम यही बंद कर देना चाहिए।

गौरतलब है कि सुब्रह्मण्यम स्वामी का यह बयान उस समय आया है, जब एक दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत-पाक संबंधों के बावजूद करतारपुर कॉरिडोर को गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर खोला जाएगा और देश विदेश से आई संगत का स्वागत किया जाएगा।

स्वामी ने कहा कि जब दोनों देशों के बीच संबंध सुधर जाएंगे तो ही इसे बहाल किया जाए। करतारपुर कॉरिडोर और रेफरेंडम 2020 देश को तोडऩे का काम करेगा। स्वामी ने कहा कि खालिस्तान की मांग करने वाले खाली दिमाग वाले लोग हैं। कोई भी खालिस्तान नहीं चाहता। मैं भी सिख हितैषी हूं। ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद मैं और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ही ऑपरेशन ब्लू स्टार के खिलाफ खड़ेे हुए थे।

उन्‍होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लागू करने के समय सरदार वल्लभ भाई पटेल को कहा गया था कि यह अस्थायी है। इसे किसी भी वक्त हटाया जा सकता है, लेकिन वह सच नहीं था। अब इसको मोदी सरकार ने हटाया है तो कांग्रेस की तरफ से जबरदस्त विरोध किया गया।

उन्‍होंने कहा कि इसके साथ ही गुलाम कश्‍मीर (पीओके) के मामले को बिना संसद की मंजूरी के संयुक्त राष्ट्र संघ में भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि अब जब गुलाम कश्‍मीर को भारत लेना चाहता है तो उसके लिए इस मामले को संयुक्त राष्ट्र से बाहर करना जरूरी है। उम्‍मीद है कि इसके लिए भारत जल्द ही संयुक्त राष्ट्र को प्रस्‍ताव भेजेगा।

उन्होंने कहा कि गुलाम कश्मीर भारत का अभिन्न अंग रहा है और इसे जबरदस्ती पाकिस्तान ने अपने अंदर कर लिया था। स्वामी ने कहा कि 1947 में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिष्‍द में पीओके (गुलाम कश्‍मीर) पर जो प्रस्‍ताव दिया था उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तुरंत वापस लेना चाहिए।

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