निशानेबाज जॉयदीप करमाकर ने प्रधानमंत्री से दखल की गुजारिश की


निशानेबाज जॉयदीप करमाकर ने मंगलवार को राष्ट्रमंडल खेल-2022 से निशानेबाजी को हटाने के मामले में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दखल की गुजारिश की।

इस समय कई युवा निशानेबाजों को कोचिंग दे रहे करमाकर ने कहा है कि भविष्य में इस तरह के कदम नहीं उठाएं जाएं, इसके लिए पूरे खेल जगत को अपना विरोध दर्ज कराना चाहिए और प्रधानमंत्री मोदी को इसमें दखल देना चाहिए।

लंदन ओलम्पिक-2012 में काफी करीब से पदक से चूकने वाले करमाकर ने हालांकि भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) द्वारा किए गए विरोध की प्रशंसा की है और कहा है कि इस फैसले का असर उनकी शिष्य मेहुली घोष जैसे कई खिलाड़ियों पर पड़ेगा।

करमाकर ने आईएएनएस से कहा, “एक निशानेबाज होने के नाते और निशानेबाजी जगत का हिस्सा होने के नाते, यह जाहिर तौर पर काफी निराशाजनक है। सिर्फ भारत के ही नहीं, बल्कि निशानेबाजी एक खेल के तौर पर काफी आगे बढ़ रहा था और इसका राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छा इतिहास है।”

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री को इस मामले में दखल देना चाहिए। यह ओलम्पिक की नीति के खिलाफ है। भारत का पक्ष किसी के खिलाफ नहीं है। यह इसलिए ताकि इस खेल को और बढ़ाया जाए। हम किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं।”

करमाकर ने कहा, “यह किसी प्रक्रिया में दखलअंदाजी नहीं है, लेकिन यह खेल की बात है। मुझे लगता है कि अगर प्रधानमंत्री कार्यालय का दखल इसमें होता तो मुझे खुशी होती।”

राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीएपजी) ने फैसला किया है कि 2022 में बर्मिघम में होने वाले खेलों में निशानेबाजी को जगह नहीं मिलेगी।

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