निलंबित सांसदों को चैंबर, लॉबी और गैलरी में एंट्री नहीं:लोकसभा सचिवालय ने सर्कुलर जारी किया; उपराष्ट्रपति की नकल उतारने वाले TMC सासंद पर FIR दर्ज

संसद से निष्कासित सांसदों पर अब संसद में दाखिल होने पर रोक लग गई है। मंगलवार (19 दिसंबर) देर रात लोकसभा सचिवालय ने सर्कुलर जारी करके इन सांसदों के पार्लियामेंट चैम्बर, लॉबी और गैलरी में आने पर बैन लगा दिया है।वहीं, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल उतारने वाले TMC सांसद कल्याण बनर्जी के खिलाफ दिल्ली के एक थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।

संसद के शीतकालीन सत्र का आज 13वां दिन है। संसद सुरक्षा चूक मामले और सांसदों के निलंबन पर विपक्ष का हंगामा आज भी जारी रह सकता है। 13 दिसंबर को संसद में हुई घुसपैठ के मामले पर विपक्ष गृहमंत्री के बयान की मांग कर रहा है। हंगामे के कारण 19 दिसंबर तक विपक्ष के 141 सांसद सस्पेंड हो चुके हैं। इनमें 107 लोकसभा और 34 राज्यसभा के हैं।

सर्कुलर के मुताबिक क्या-क्या नहीं कर सकेंगे निलंबित सांसद

  1. चैंबर, लॉबी और गैलरी में एंट्री नहीं। उन संसदीय समितियों की बैठकों से भी निलंबित हैं, जिसके वे सदस्य हैं। इसके अलावा वे समितियों के चुनावों में वोटिंग भी नहीं कर सकते। उनके नाम पर लिस्ट ऑफ बिजनेस में कोई आइटम नहीं रखा गया है। सस्पेंशन पीरियड में सांसदों का दिया कोई भी नोटिस स्वीकार्य नहीं है।
  2. अगर पूरे सत्र के लिए निलंबित होते हैं तो सस्पेंशन पीरियड के लिए डेली अलाउंसेस के हकदार नहीं, क्योंकि संसद सदस्य के वेतन भत्ते और पेंशन अधिनियम 1954 की धारा 2 (डी) के तहत ड्यूटी की जगह पर निलंबित सांसद का रहना, ड्यूटी पर होना नहीं माना जा सकता है।

संसद के दोनों सत्रों में आज क्या-क्या होगा

  • संसद से सस्पेंड हुए सांसदों में सबसे ज्यादा 57 कांग्रेस के हैं। इसी मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने आज मीटिंग बुलाई है। निलंबन के बाद सदन में विपक्ष की संख्या एक-तिहाई रह गई है। आज की कार्यवाही में लोकसभा में 102 और राज्यसभा में 94 सांसद भाग लेंगे।
  • गृहमंत्री अमित शाह लोकसभा में आज 3 नए क्रिमिनल बिलों पर दोपहर 2:30 बजे जवाब दे सकते हैं। केंद्र सरकार ने IPC, CrPC और एविडेंस एक्ट की जगह तीन नए बिलों को संसद में विचार के लिए रखा है।
  • गृह मंत्री के जवाब के बाद तीनों बिल पर वोटिंग होगी। इसके बाद इन बिलों को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। वहां से पास होने के बाद बिलों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के साइन होते ही ये 3 बिल कानून बन जाएंगे।

3 विधेयकों से क्या बदलाव होगा?
कई धाराएं और प्रावधान बदल जाएंगे। IPC में 511 धाराएं हैं, अब 356 बचेंगी। 175 धाराएं बदलेंगी। 8 नई जोड़ी जाएंगी, 22 धाराएं खत्म होंगी।

इसी तरह CrPC में 533 धाराएं बचेंगी। 160 धाराएं बदलेंगी, 9 नई जुड़ेंगी, 9 खत्म होंगी। पूछताछ से ट्रायल तक वीडियो कॉन्फ्रेंस से करने का प्रावधान होगा, जो पहले नहीं था।

सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब ट्रायल कोर्ट को हर फैसला अधिकतम 3 साल में देना होगा। देश में 5 करोड़ केस पेंडिंग हैं। इनमें से 4.44 करोड़ केस ट्रायल कोर्ट में हैं।

इसी तरह जिला अदालतों में जजों के 25,042 पदों में से 5,850 पद खाली हैं।

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