दिल्ली हिंसा में 10 लोगों की मौत, 150 घायल : जीटीबी अस्पताल


नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध और समर्थन को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 100 से अधिक लोग घायल हैं। गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक सुनील कुमार ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 10 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 150 लोग घायल हुए हैं जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

घायलों में 56 पुलिस कर्मी शामिल हैं। पुलिस ने हिंसा मामले में अब तक 11 मुकदमें दर्ज किए हैं। घायलों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में किया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि पुलिस इन मामले में 25 उपद्रवियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने बताया कि हिंसा में 56 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जबकि 130 आम नागरिक जख्मी हुए हैं। घायलों में डीसीपी शाहदरा भी शामिल हैं। दिल्ली पुलिस के अनुसार, हिंसा में अब तक 11 मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा ग्रस्त इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है। लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की गई है।

हिंसाग्रस्त इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस और पैरा मिलेट्री फोर्स को तैनात किया गया है। पुलिस लोगों से शांति बहाली की अपील कर रही है। वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल ने भी लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है। पुलिस स्थानीय लोगों और अमन कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक कर शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल और पुलिस कमिश्नर के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में शांति कायम करने के उपायों पर चर्चा हुई। मीटिंग के बाद केजरीवाल ने कहा कि हम केंद्र के साथ मिलकर दिल्ली में शांति बहाली के लिए काम करेंगे।

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध और समर्थन को लेकर रविवार को भड़की सांप्रदायिक हिंसा ने सोमवार को और उग्र रूप ले लिया। यमुनापार (पूर्वी दिल्ली) के कई इलाकों में दिनभर पत्थरबाजी, आगजनी और गोलीबारी होती रही। इसमें एक पुलिसकर्मी सहित पांच लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 100 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे। इनके अलावा शाहदरा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अमित शर्मा सहित 12 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।

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