
अगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी की सरकार ने ऑटो चालकों की तर्ज पर अब दिल्ली के टैक्सी चालकों पर पर भी मेहरबानी दिखाई है। दिल्ली सरकार ने सोमवार को टैक्सी पर लगने वाले फिटनेस, जीपीएस और सिम का शुल्क को पूरी तरह से माफ करने की घोषणा की। इसके अलावा परमिट शुल्क को 2000 रुपये से घटाकर 500 रुपये कर दिया गया है।
इससे दिल्ली में करीब 80 हजार टैक्सी चालकों को लाभ मिल सकेगा। मुख्यमंत्री केजरीवाल के निर्देश पर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली सचिवालय में बैठक कर इस बारे में फैसला लिया। जल्द ही इसे कैबिनेट में लाया जाएगा और सरकार की योजना है कि अधिसूचना जारी कर इसे एक नवंबर तक लागू कर दिया जाए। खास बात यह है कि इस योजना का लाभ उस टैक्सी को ही मिलेगा जो टैक्सी किसी व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत होगी।
सरकार की योजना के अनुसार, टैक्सी की फिटनेस शुल्क 600 रुपये है। इसके अलावा जीपीएस की फीस 1420 रुपये और जीपीएस सिम की फीस 584 रुपये है। सरकार ने इसे माफ कर दिया है। इसके अलावा फिटनेस लेट होने पर पहले दिन एक हजार रुपये लगते हैं। इसके बाद प्रतिदिन 50 रुपये का जुर्माना देना होता था। मगर अब 1000 की जगह पहले दिन 300 रुपये और 50 रुपये प्रतिदिन की जगह 20 रुपये देने होंगे। टैक्सियों के लिए परमिट शुल्क 2 हजार रुपये है। इसे घटाकर 500 रुपये कर दिया गया है। ऑटो वालों को राहत मिलने के बाद टैक्सी वाले भी इसकी मांग कर रहे थे।
इससे पहले 13 अगस्त को केजरीवाल सरकार ने ऑटो की फिटनेस, जीपीएस और डिम्ट्स शुल्क पूरी तरह माफ कर दिए थे। उसके तहत ऑटो वालों को इन तीनों शुल्कों के रूप में कोई पैसा नहीं देना पड़ रहा है। सरकार के इस कदम से 90 हजार ऑटो चालकों को फायदा पहुंच रहा है।