दिल्ली चुनाव : 250 नेता, हर दिन 500 जनसभाएं, इस तरह माहौल बनाने में जुटी है भाजपा


दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। इसके लिए पार्टी बड़ी रैलियों की जगह गली-गली और मोहल्ले-मोहल्ले में छोटी-छोटी सभाओं का सहारा ले रही है। जनता से सीधे जुड़ाव के लिए यह फॉर्मूला गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने निकाला है। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर के करीब 250 नेताओं को मोर्चे पर लगाया गया है।

पार्टी का मानना है कि बड़ी रैलियों में केवल नेता भाषण देकर निकल जाते हैं, जबकि गली-मुहल्ले की जनसभाओं में जनता से भी सीधा संवाद कर जुड़ने का मौका मिलता है। अमित शाह और जेपी नड्डा ने कैंपेनिंग के लिए राजधानी में जुटे केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्रियों, सांसदों-विधायकों और राष्ट्रीय तथा प्रदेश स्तर के 250 नेताओं को अब हर दिन कम से कम दो-दो सभाएं करने का निर्देश दिया है। इस प्रकार आने वाले दिनों में भाजपा एक दिन में 500 तक छोटी सभाएं करने की तैयारी में है।

शाह और नड्डा के निर्देश पर 23 जनवरी से भाजपा की छोटी-छोटी जनसभाओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। 23 जनवरी को जहां भाजपा ने 139 स्थानों पर सभाएं कीं, वहीं 24 जनवरी को 282 और 25 जनवरी को 353 स्थानों पर जनसभाएं हुईं।

पार्टी नेताओं का कहना है कि अब इन जनसभाओं की संख्या को 400 से 500 के बीच करने की तैयारी है। कोशिश है कि हर नेता कम से कम दो रैली करे। गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को जहां शाम चार बजे जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में वालंटियर मीट को संबोधित किया। वहीं शाम साढ़े छह बजे जेजे कॉलोनी, बादली और रात आठ बजे बवाना में उनकी सभा का कार्यक्रम रहा। अमित शाह और जेपी नड्डा चुनाव प्रचार खत्म होने तक हर दिन सभाएं करेंगे।

दरअसल, दिल्ली में कुल 280 वार्ड हैं। एक विधानसभा क्षेत्र में चार-पांच वार्ड हैं। भाजपा ने हर दिन हर वार्ड में कम से कम एक सभा करने की रणनीति बनाई है। जो बड़े वार्ड हैं, वहां दो-दो सभाएं हो रही हैं।

भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता अश्विननी उपाध्याय ने आईएएनएस से कहा कि छोटी सभाओं से दोतरफा संवाद हो रहा है। हर सभा में आम जन की शिकायतें सुनीं जा रही हैं। जनता से सवाल-जवाब करते हुए केजरीवाल सरकार के दावों की पोल खोली जा रही है।

उन्होंने कहा, चुनाव प्रचार की समय-सीमा खत्म होने तक दिल्ली की हर गली में पार्टी सभा कर चुकी होगी। बड़ी रैलियों की जगह छोटी सभाएं ज्यादा कारगर हैं। छोटी सभाओं में पार्टी नेताओं और जनता का दोतरफा संवाद होने से जुड़ाव हो रहा है। गली-मोहल्ले की सभाओं के जरिए हम केजरीवाल से सवाल कर रहे हैं कि अगर दिल्ली के सरकारी स्कूल अच्छे हैं तो फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी की मेरिट में यहां के छात्र आने से क्यों चूक रहे। केजरीवाल कहते हैं कि दिल्ली के अस्पतालों में बहुत भीड़ रहती है तो हम जनता के सामने सवाल करते हैं कि लोग इतना बीमार क्यों पड़ रहे हैं। इसका मतलब है कि दिल्ली में गंदगी है, मुफ्त के नाम पर गंदा पानी पिलाया जा रहा है। इन सब बातों से जनता के सामने केजरीवाल सरकार की असली सच्चाई रखने में मदद मिल रही है।

भाजपा ने दिल्ली, यूपी, बिहार, उत्तराखंड, हरियाणा के 80 से अधिक पार्टी सांसदों को दिल्ली में मोर्चे पर लगाया है। इसके अलावा यूपी, बिहार, हरियाणा सरकार के मंत्रियों को भी बुलाया है। यूपी सरकार के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला, बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी शाहदरा, लक्ष्मीनगर और घोंडा विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशियों के लिए छोटी-छोटी सभाएं करने में जुटे हैं।

इसी तरह अन्य राज्यों के कई सांसद और मंत्री भाजपा प्रत्याशियों के लिए दिल्ली में गली-गली घूमकर वोट मांग रहे हैं।

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