केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि चुनावी बॉन्ड न हो तो चुनाव में कालाधन आएगा. इस पर चर्चा होनी चाहिए कि चुनावी बॉन्ड से बेहतर क्या है. उन्होंने कहा कि यदि आप बॉन्ड को स्वीकृति नहीं देंगे तो लोग नंबर दो में पैसे लेंगे. गडकरी ने कहा, “चुनाव में पैसा लगता है, सभी पार्टियों का लगता है और आप यदि इकोनॉमी को अच्छा करेंगे, नंबर एक पर ले जाएंगे तो बॉन्ड के रूप में नंबर एक में पॉलिटिकल पार्टी को फाइनेंस होता है, इसी भावना के साथ योजना बनी थी. तब अरुण जेटली जी वित्त मंत्री थे. इसमें गलत क्या था.”
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. गडकरी ने कहा, “अगर आप बॉन्ड को स्वीकृति नहीं देंगे तो लोग नंबर दो में पैसे लेंगे. मुझे लगता है कि सभी पार्टियों को इस तरह का सोर्स मिल जाएगा तो अच्छा होगा. दुनिया में भी कुछ जगहों पर पार्टियों को सरकार फाइनेंस करती हैं.”
चुनावी बॉन्ड में कालेधन को लेकर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “जिस पैसे से रोजगार पैदा होता है, जिस पैसे से विकास होता है और जिस पैसे से गवर्नमेंट का रेवेन्यू बढ़ता है, उसे हम ब्लैक कैसे कहें. समस्या है कि कोई पैसा लेकर दुनिया में कहीं दूसरी जगह डालता है.”
रविवार को एनडीटीवी के साथ एक ख़ास इंटरव्यू में चुनाव के लिए सरकारी फंडिंग के सवाल पर उन्होंने कहा, “अरुण जेटली जी जब यह (चुनावी बॉन्ड) लाए थे तो विपक्ष के लोगों से भी चर्चाएं की थीं. यह मेरा विषय नहीं है, लेकिन लोकतंत्र में हम आम सहमति से ऑप्शन ढूंढ सकते हैं, क्योंकि जरूरत तो है. ऐसे में सबसे अच्छा ऑप्शन कौन-सा होगा जो लोकतंत्र को गुणात्मक तरीके से मजबूत करेगा, तो उस बारे में सभी लोगों को सोचना चाहिए.”