…तो जमीन सूख जाएगी, पानी गायब हो जाएगा; सुप्रीम कोर्ट ने क्यों और किसे चेताया, कहा- राजनीति भूल जाओ

वायु प्रदूषण और पराली जलाए जाने की घटना पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सख्त टिप्पणी की और कहा कि अगर आरोप-प्रत्यारोप का खेल चलता रहा तो जमीन सूख जाएगी और पानी गायब हो जाएगा. दरअसल, पराली जलाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार और केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर राजनीति को भूल जाना चाहिए और यह पता लगाना चाहिए कि प्रदूषण को कम करने के लिए यह कैसे करना है. अगर आरोप-प्रत्यारोप का खेल जारी रहा… तो जमीन सूख जाएगी, पानी गायब हो जाएगा, सब एमएसपी के कारण. कोई भी कुछ समूहों को नाराज नहीं करना चाहता. सबके अपने-अपने निहित स्वार्थ हैं.

दरअसल, कोर्ट ने पंजाब सरकार से राय मांगी है कि क्या किसानों को फ्री मशीन उपलब्ध कराने से लेकर डीजल, मैनपावर उपलब्ध कराने तक सब कुछ मुफ्त उपलब्ध कराया जा सकता है? जस्टिस कॉल ने कहा कि पंजाब में भूमि धीरे-धीरे शुष्क होती जा रही है क्योंकि जल स्तर कम होता जा रहा है. अगर जमीन सूख गई तो बाकी सब चीजें प्रभावित होंगी. कहीं न कहीं किसानों को धान उगाने के दुष्परिणामों को समझना चाहिए या समझाया जाना चाहिए. इस पर पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि किसानों ने कहा है कि वे धान नहीं उगाना चाहते हैं, बल्कि एमएसपी के मुद्दे के कारण ही उगाना चाहते हैं. इस पर जस्टिस कौल ने पंजाब के वकील से कहा कि कृपया पता लगाएं कि आप धान को कैसे हतोत्साहित कर सकते हैं और वैकल्पिक फसलों को प्रोत्साहित कर सकते हैं.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा कि वो किसानों को दिए जाने वाले इंसेंटिव को लेकर हरियाणा से सीख ले. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसान को विलेन बनाया जा रहा है और उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. उसके पास पराली जलाने के कुछ कारण होंगे. हमे इसपर विचार करने की जरूरत है कि आखिर ऐसा हो क्यो रहा है. कोर्ट ने माना कि खेतों में आग लगाने की घटना में कमी नहीं आई है. पंजाब सरकार के मुताबिक 984 एफआईआर दर्ज किए गए हैं.

दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने के मसले पर सख्त टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के माध्य्यम से केंद्र सरकार से कहा कि जो किसान पराली जला रहे हैं, उन्हें एमएसपी का लाभ नहीं मिलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिहार में किसान पराली को जलाते नहीं, बल्कि अपने हाथों से काटते हैं. सुनवाई से पहले पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया और पंजाब सरकार ने कहा कि पराली जलाए जाने को लेकर 2 करोड़ हर्जाना वसूला गया है. पंजाब सरकार ने कहा पंजाब के 6 जिले में पूरी तरीके से पराली नहीं जलाया गया है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बच्चे और बीमार लोग प्रभावित हो रहे हैं और पराली जलाना बदस्तूर जारी है. जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि ऐसी फसलों पर इमसेंटिव दिया जाए जिनके अपशिष्ट जलाने की जरूरत ना पड़े. इंसेंटिव एमएसपी जैसा हो.

इसके बाद पंजाब सरकार ने कहा कि हमने पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है और करीब 100 एफआईआर दर्ज किया है. इस पर जस्टिस कौल ने कहा कि कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों को आर्थिक लाभ क्यों मिले? सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा जो किसान पराली जला रहे हैं, उन्हें एमएसपी का लाभ नहीं मिलना चाहिए. कोर्ट ने आगे कहा कि जो लोग पराली जलाने का काम कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

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